मथुरा रोड का बंगला खाली नहीं करना चाहतीं आतिशी, इसके बदले अंसारी रोड वाला घर भी चाहती हैं पूर्व सीएम
दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी मथुरा रोड का बंगला खाली नहीं करना चाहती हैं। उन्होंने लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) से अनुरोध किया है कि उन्हें विधानसभा में विपक्ष की नेता के तौर पर एबी-17 मथुरा रोड स्थित बंगले को अपने पास रखने की अनुमति दी जाए या दरियागंज में अंसारी रोड स्थित एक अन्य बंगला उन्हें आवंटित कर दिया जाए।

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी मथुरा रोड का एबी-17 बंगला अपने पास रखना चाहती हैं। उन्होंने अभी बंगला खाली नहीं किया है। उन्होंने लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) से अनुरोध किया है कि उन्हें विधानसभा में विपक्ष की नेता के तौर पर एबी-17, मथुरा रोड स्थित बंगले को अपने पास रखने की अनुमति दी जाए या दरियागंज में अंसारी रोड स्थित एक अन्य बंगला उन्हें आवंटित किया जाए।
सूत्रों का कहना है कि पीडब्ल्यूडी ये बंगला उनसे लेना चाहता है। बंगलर किसे दिया जाएगा जिसे लेकर अभी तक कोई फैसला नहीं हुआ है। पीडब्ल्यूडी अधिकारियों के अनुसार, आतिशी का अभी भी मथुरा रोड स्थित बंगले पर कब्जा है, जो उन्हें मुख्यमंत्री रहते हुए आवंटित किया गया था।
अंसारी रोड बंगले के आवंटन के लिए पीडब्ल्यूडी को पत्र
सूत्रों ने कहा कि आतिशी ने मथुरा रोड बंगले को अपने पास रखने के बारे में दिल्ली सरकार के पीडब्ल्यूडी को पत्र लिखा था, लेकिन उन्हें बताया गया कि यह केंद्रीय पूल आवास है। मथुरा रोड बंगले को अपने पास रखने के उनके अनुरोध को अस्वीकार कर दिया गया है, जिसके बाद उन्होंने अंसारी रोड बंगले के आवंटन के लिए पीडब्ल्यूडी को पत्र लिखा है, जिस पर पहले पार्टी नेता जस्मिन शाह दिल्ली डायलाग एंड डेवलपमेंट कमीशन के उपाध्यक्ष के तौर पर रह रहे थे।
भारत मंडपम के सामने स्थित एबी-17, मथुरा रोड बंगले पर पहले कई सालों तक पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के पास था। जब वे आबकारी नीति मामले में जेल गए, तो यह बंगला आतिशी को आवंटित कर दिया गया। इस बंगले में पहले पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित भी रह चुकी हैं।
मुख्यमंत्री को आवंटित नहीं हुआ अभी बंगला
पीडब्ल्यूडी अधिकारियों ने यह भी स्पष्ट किया कि मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को अभी तक आधिकारिक आवास आवंटित नहीं किया गया है, जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार को शपथ लिए हुए एक महीने से अधिक समय हो चुका है। सूत्रों ने कहा कि सचिवालय से निकटता को देखते हुए आइटीओ के पास लुटियंस में मुख्यमंत्री के लिए उपयुक्त बंगले की तलाश की जा रही है।
अरविंद केजरीवाल अपने परिवार के साथ कई सालों तक रहे
पीडब्ल्यूडी अधिकारी ने कहा सरकार के शीर्ष स्तर पर निर्णय अभी लंबित है। वह अभी अपने निजी आवास में ही रह रही हैं। शपथ ग्रहण समारोह के ठीक बाद गुप्ता ने सार्वजनिक रूप से घोषणा की थी कि वह 6, फ्लैगस्टाफ रोड बंगले में नहीं रहेंगी, जहां पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपने परिवार के साथ कई सालों तक रहे थे।
इसके निर्माण में अनियमितताओं और इसकी भव्यता को लेकर भाजपा ने इसे शीश महल कहा था। अधिकारियों ने कहा कि अन्य मंत्रियों को सरकारी आवास आवंटित किया गया है। पीडब्ल्यूडी को पूरे मंत्रिमंडल, स्पीकर, डिप्टी स्पीकर और एलओपी सहित 10 सरकारी आवास देने हैं।
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