एशिया के सबसे बड़े वेस्ट वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट का काम पूरा, अगले महीने होगा चालू; सोमनाथ भारती ने किया दौरा
दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) के उपाध्यक्ष सोमनाथ भारती ने मंगलवार को यमुना एक्शन प्लान - तीन के अंतर्गत विकसित किये जा रहे ओखला वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट प्लांट ( डब्ल्यूडब्ल्यूटीपी) का दौरा किया। डीजेबी इस परियोजना के अंतर्गत ओखला डब्ल्यूडब्ल्यूटीपी के चार फेज को अपग्रेड और पुनर्वास कर रहा है।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) के उपाध्यक्ष सोमनाथ भारती ने मंगलवार को यमुना एक्शन प्लान - तीन के अंतर्गत विकसित किये जा रहे ओखला वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट प्लांट ( डब्ल्यूडब्ल्यूटीपी) का दौरा किया। उन्होंने दिल्ली जल बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ प्लांट के ट्रीटमेंट क्षेत्र और निर्माणस्थल का निरीक्षण किया।
डीजेबी इस परियोजना के अंतर्गत ओखला डब्ल्यूडब्ल्यूटीपी के चार फेज को अपग्रेड और पुनर्वास कर रहा है। सोमनाथ भारती ने बताया कि एशिया के सबसे बड़े और दुनिया के चौथे सबसे बड़े डब्ल्यूडब्ल्यूटीपी का काम लगभग पूरा हो गया है।
2019 में शु्रू हुई इस परियोजना को 30 जून तक चालू किया जाएगा। इसकी क्षमता रोजाना 56 करोड़, 40 लाख लीटर सीवेज को शोधित करने की है। प्लांट में सीवेज का गंदा पानी 10 में से 10 के मापदंडो के अनुरूप शोधित किया जायेगा। इसके चालू होने से यमुना के प्रदूषण में बहुत बड़ी गिरावट आने की उम्मीद है।
ओखला डब्ल्यूडब्ल्यूटीपी की कुल लागत 1,161.17 करोड़ रुपए है। इसमें दक्षिण दिल्ली, एनडीएमसी क्षेत्र और दिल्ली के बड़े हिस्से का सीवेज शोधित किया जायेगा। लगभग 40 लाख लोगों को लाभ मिलने का अनुमान है। पानी को साफ करने के लिए दिल्ली में पहली बार किसी डब्ल्यूडब्ल्यूटीपी में यूवी तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है।
आमतौर इससे आरओ प्लांट में पानी को पीने योग्य बनाने के लिए किया जाता है। शोधित पानी का दोबारा इस्तेमाल करने के लिए डीजेबी आर्टिफिशियल झीलों का निर्माण करेगा। ट्यूबवेल्स लगाकर जमीन से पानी निकाला जाएगा और फिर उस पानी को आरओ प्लांट्स लगाकर साफ कर सिस्टम में वापस लाया जायेगा। इस तरह यमुना को साफ करने के साथ ही दिल्लीवासियों को पर्याप्त पीने का शुद्ध पानी मिल पाएगा। समाप्त, शिवांगी, 02 मई
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