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    ASI संवरेगा अकबर के सिपहसालार की हत्या करने वाले अधम खां का मकबरा, बादशाह ने गुस्से में सुनाई थी मौत की सजा

    By Jagran NewsEdited By: Nitin Yadav
    Updated: Fri, 28 Apr 2023 12:33 PM (IST)

    महरौली बस टर्मिनल के पास स्थित अधम खां के मकबरे की दशा सुधारने का काम करेगा। अधिकारी ने बताया कि इस स्मारक में बड़े स्तर पर संरक्षण कार्य होगा। अधम खां ने अकबर के सेनापति की हत्या कर दी थी जिसके बाद बादशाह ने उस मौत की सजा सुनाई थी।

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    ASI संवरेगा अकबर के सिपहसालार की हत्या करने वाले अधम खां का मकबरा।

    नई दिल्ली, वी के शुक्ला। नई दिल्ली स्थित महरौली बस टर्मिनल के पास स्थित अधम खां के मकबरे की दशा सुधारी जाएगी। इस स्मारक में बड़े स्तर पर संरक्षण कार्य होगा। अकबर के पसंदीदा जनरल अतगा खान की अधम खान ने हत्या कर दी थी। इससे नाराज होकर अकबर ने उसे पकड़ लिया था और किले की दीवार से नीचे फिंकवाकर उसकी हत्या करा दी थी।

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    अधम खां अकबर की आया और मुग़ल साम्राज्य की सबसे ताक़तवर महिला माहम अंगा का बेटा था। कुतुब मीनार और महरौली बस टर्मिनल के बीच स्थित 16वीं शताब्दी की यह संरचना है। इस स्मारक को अब ज्यादातर आगंतुक भूल भुलैया के नाम से जानते हैं।

    अधम को आगरा में दफनाने नहीं दिया था

    अधम खान का मकबरा 12वीं सदी के किला राय पिथौरा व लाल कोट की प्राचीर के साथ बनाया गया था, 1562 में अकबर के सेनापतियों में से एक अतगा खान की हत्या कर देने पर बादशाह अकबर के आदेश पर अधम खान को आगरा के किले की दीवार से दो बार नीचे गिराया गया था, इससे बादशाह इतना नाराज था कि आगरा में इसे दफनाने भी नहीं दिया और आदेश दिया कि इसे दिल्ली ले जाकर दफना दिया जाए। अधम की मृत्यु के कुछ समय बाद उसकी मां महम अंगा भी मर गईं थीं, उन्हें भी इसी गुंमद में दफनाया गया था।

    मुगल स्थापत्य शैली के विपरीत है इमारत

    यह इमारत मुगल स्थापत्य शैली के विपरीत है, अष्टकोणीय कक्ष, कम टावरों और परिधीय दीवारें पहले के लोदी और सूर राजवंशों के अनुरूप हैं। जिन्हें मुगलों द्वारा विश्वासघाती माना जाता है।

    स्मारक को बाद में 1830 के दशक में ब्लेक आफ बंगाल सिविल सर्विसेज के नाम से मशहूर एक ब्रिटिश सिविल सेवक द्वारा अपने कब्जे में ले लिया गया था, जिन्होंने अधम खान और महम अंगा की कब्रों को उनके डाइनिंग हाल को समायोजित करने के लिए तोड़ दिया था। एएसआइ के लिए इसका महत्व अन्य स्मारकों की तरह ही है। इसी के चलते एएसआइ ने इस स्मारक में बड़े स्तर पर संरक्षण कार्य कराने की योजना बनाई है। स्मारक में कई जगह पर दरारें हैं, कई जगह पत्थरों में दूरी हो रही है, पत्थरों के बीच की निर्माण सामग्री गायब है। मकबरे के ऊपर बने छोटे छोटे कुछ गुंबद गिर चुके हैं।