Delhi Election 2025: दिल्ली में जाट आरक्षण पर राजनीति तेज, कांग्रेस ने कहा- 'आरक्षण विरोधी हैं केजरीवाल'
कांग्रेस ने आप संयोजक अरविंद केजरीवाल पर जाट आरक्षण का विरोध करने का आरोप लगाया है। प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने कहा कि केंद्र की कांग्रेस सरकार ने जाट समाज को केंद्रीय सूची में शामिल करते हुए आरक्षण दिया था लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया। केजरीवाल पर आरोप है कि उन्होंने उस समय मुखरता से आवाज नहीं उठाई।

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। कांग्रेस ने आप संयोजक अरविंद केजरीवाल को आरक्षण विरोधी बताया है। प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने बताया कि केंद्र की कांग्रेस सरकार ने जाट समाज को केंद्रीय सूची में दिल्ली सहित देश के नो राज्यों में जाट आरक्षण 4 मार्च 2014 को प्रदान कर उसकी अधिसूचना क्रमांक 20012/29/2009-बीसी जारी कर दी थी।
दिल्ली के साथ साथ बिहार गुजरात हरियाणा हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में भी जारी की थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उसे 17 मार्च 2015 के फैसले में खारिज कर दिया, क्योंकि न तो केंद्र की भाजपा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में उसकी पैरवी की और न ही दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने उस वक्त मुखरता से आवाज उठाई। अब जब दिल्ली में चुनाव हैं तो केजरीवाल जाट समाज की भावनाओं से खेल रहे हैं जो बेहद शर्मनाक है।
केजरीवाल की मानसिकता आरक्षण विरोधीः चतर सिंह
उधर दिल्ली सरकार के ओबीसी आयोग के पूर्व अध्यक्ष व वरिष्ठ कांग्रेस नेता चतर सिंह ने कहा है कि अरविंद केजरीवाल के पास या तो पूरी जानकारी नहीं है या फिर वह इसे लोगों के सामने पेश नहीं करना चाहते, क्योंकि उनकी खुद की मानसिकता आरक्षण विरोधी है। कई जगह उन्होंने इसे प्रमाणित भी किया है।
जन सुनवाई में उपस्थित हुए लोगों में मतभेद
उन्होंने कहा है कि मैं 2007 से 2010 तक ओबीसी समिति का अध्यक्ष था। उस समय जाटों का यह मुद्दा हमारे आयोग के सामने आया था लेकिन इस पर जन सुनवाई के बिना फैसला नहीं हो सकता। इसलिए राष्ट्रीय आयोग की जन सुनवाई हुई पर जन सुनवाई में उपस्थित लोगों में कुछ मतभेद पैदा हो गए और इस कारण फैसला नहीं हो सका।
सोनिया गांधी ने जाट समुदाय को राष्ट्रीय सूची में कराया शामिल
चतर सिंह ने कहा कि लेकिन केजरीवाल को यह नहीं पता कि साल 2013 में तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की पहल पर केंद्र सरकार ने चार अप्रैल को अधिसूचना जारी की थी कि दिल्ली के जाट समुदाय राष्ट्रीय सूची में शामिल हैं। सरकार ने इसे लागू किया लेकिन 2014 में जब सरकार बदली तो वे सुप्रीम कोर्ट चले गए और वहां से इसे खारिज करवा लिया। चतर सिंह ने कहा कि भाजपा और अरविंद दोनों केजरीवाल आरक्षण विरोधी हैं।
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