दूसरे राज्यों में रजिस्टर्ड ऐप बेस्ड कैब की दिल्ली में एंट्री बैन, फैसले से नाराज चालकों का आज जंतर-मंतर पर प्रदर्शन
दिल्ली टैक्सी एंड टूरिस्ट ट्रांसपोर्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय सम्राट ने कहा कि जंतर मंतर पर चालकों का यह विरोध प्रदर्शन प्रदूषण की आड़ में कैब व टैक्सी की सेवा के प्रभावित करने के विरोध में होगा क्योंकि इससे हजारों चालकों की रोजी-रोटी प्रभावित हो रही है। उधर सरकार के इस निर्णय से ऐप बेस्ड कैब सेवा प्रदाता कंपनियों की भी चिंता बढ़ गई है।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। वायु प्रदूषण के मद्देनजर दिल्ली में दूसरे राज्यों में रजिस्टर्ड ऐप बेस्ड कैब समेत अन्य वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने के विरूद्ध चालकों ने विरोध प्रदर्शन का निर्णय लिया है।
बृहस्पतिवार को चालक जंतर-मंतर पर दिल्ली सरकार के इस निर्णय का विरोध करेंगे। उधर, सरकार के इस निर्णय से ऐप बेस्ड कैब सेवा प्रदाता कंपनियों की भी चिंता बढ़ गई है।
50 प्रतिशत से अधिक सेवाएं होंगी प्रभावित
राष्ट्रीय राजधानी में एक प्रमुख ऐप बेस्ड कैब सेवा प्रदाता कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि अगर प्रतिबंध लगता है तो उन लोगों को 50 प्रतिशत से अधिक सेवाएं प्रभावित होंगी। क्योंकि उनके बेडे में कारें हरियाणा और उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्योंं की भी है।
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इससे हजारों चालकों की रोजी-रोटी होगी प्रभावित
दिल्ली टैक्सी एंड टूरिस्ट ट्रांसपोर्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय सम्राट ने कहा कि जंतर मंतर पर चालकों का यह विरोध प्रदर्शन प्रदूषण की आड़ में कैब व टैक्सी की सेवा के प्रभावित करने के विरोध में होगा, क्योंकि इससे हजारों चालकों की रोजी-रोटी प्रभावित हो रही है।
साथ ही इससे पर्यटन उद्योग भी प्रभावित हो रहा है। उन्होंने कहा कि जब वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने आल इंडिया टूरिस्ट परमिट की डीजल बीएस-4 बसों और टेम्पो ट्रैवेलर को चलने की इजाजत दे दी हैं। तब छोटी गाड़ियों को क्यों रोका जा रहा है।
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