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    दिल्ली-NCR में मौसम विभाग के सभी स्टेशन ऑफलाइन, सीएसई ने बताई वजह

    By Mangal YadavEdited By:
    Updated: Sat, 05 Jun 2021 01:20 PM (IST)

    सेंटर फार साइंस एंड एनवायरमेंट (सीएसई) ने कहा भले ही दिल्ली का निगरानी नेटवर्क 2020 के अंत तक 40 स्टेशनों तक बढ़ गया लेकिन सक्रिय स्टेशनों की संख्या 32 हो गई है क्योंकि मौसम विभाग के सभी स्टेशन आफलाइन हो गए हैं।

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    मौसम विभाग के सभी स्टेशन आफलाइन हो गए हैं।

    नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली में मौसम विज्ञान विभाग (आइएमडी) के आठ वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशनों (एक्यूएमएस) में से किसी ने भी पिछले दो महीनों में केंद्रीय सर्वर को डेटा नहीं दिया है। हालांकि मौसम विभाग का कहना है कि एक्यूएमएस काम कर रहा है लेकिन तकनीकी समस्या के कारण डेटा केंद्रीय सर्वर पर नहीं भेजा जा रहा है। सेंटर फार साइंस एंड एनवायरमेंट (सीएसई) ने कहा, भले ही दिल्ली का निगरानी नेटवर्क 2020 के अंत तक 40 स्टेशनों तक बढ़ गया, लेकिन सक्रिय स्टेशनों की संख्या 32 हो गई है क्योंकि मौसम विभाग के सभी स्टेशन आफलाइन हो गए हैं।

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    बुराड़ी क्रॉसिंग पर आइएमडी का स्टेशन पिछले साल दिसंबर से आफलाइन है, जबकि आयानगर, सीआरआरआइ मथुरा रोड, आइजीआइ एयरपोर्ट, लोधी रोड, नॉर्थ कैंपस डीयू और पूसा स्टेशन 10 मार्च को आफलाइन हो गए थे।

    सीएसई के मुताबिक आइएमडी के दो अन्य स्टेशन ग्वाल पहाड़ी, गुरुग्राम और नोएडा सेक्टर 62 - भी आलाइन हो गए हैं। आइएमडी के एक अधिकारी ने कहा कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को इस मुद्दे के बारे में सूचित कर दिया गया है। अगले सप्ताह इस समस्या को हल किए जाने की संभावना है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण समस्या को पहले ठीक नहीं किया जा सका। मालूम हो कि दिल्ली में 40 एक्यूएमएस में से 24 दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति के हैं, छह सीपीसीबी के हैं और दो भारतीय मौसम विज्ञान संस्थान, पुणे के हैं। 

    दिल्ली एनसीआर की हवा को साफ करने में इस बार का लाकडाउन प्रभावी नहीं : सीएसई

    लाकडाउन ने इस साल भी दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता में सुधार तो किया है, लेकिन पिछले साल की तरह प्रभावी ढंग से नहीं। वजह, 2021 के प्रतिबंध छोटे और कम कड़े होना। यह सामने आया है सेंटर फार साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई) के एक आंकलन में। इस साल जो सुधार हुआ, उसके लिए भी मौसम का योगदान ज्यादा रहा। 2021 में यातायात की तीव्रता भी तुलनात्मक रूप से अधिक थी।

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