गायत्री परिवार का भारत मंडपम में भव्य राष्ट्रीय आयोजन, धर्मगुरुओं ने कहा- राष्ट्र जागरण का लें संकल्प
प्रगति मैदान में अखिल विश्व गायत्री परिवार द्वारा आयोजित राष्ट्र के जागरण का समय आ गया समारोह में भारत को विश्व का नेतृत्व करने की क्षमता पर बल दिया गया। डॉ. चिन्मय पंड्या ने आत्मविश्वास नैतिकता और आध्यात्मिकता को जीवन का आधार बनाने का आह्वान किया। शिवराज सिंह चौहान ने गायत्री परिवार के कार्यों को राष्ट्र निर्माण का आधार बताया। गजेंद्र सिंह शेखावत ने इसे राष्ट्रीय चेतना का जागरण कहा।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। प्रगति मैदान स्थित भारत मंडपम सभागार रविवार शाम उस समय अद्वितीय भावनाओं से सराबोर हो उठा, जब अखिल विश्व गायत्री परिवार के तत्वावधान में “राष्ट्र के जागरण का समय आ गया” विषयक राष्ट्रीय समारोह का भव्य आयोजन हुआ। यह केवल एक कार्यक्रम नहीं था, बल्कि यह जन्म शताब्दी 2026-अखंड ज्योति एवं परम वंदनीया माताजी के अवतरण शताब्दी वर्ष की ओर बढ़ते कदमों में एक ऐतिहासिक संकल्प-संध्या सिद्ध हुई।
'भारत का उत्थान ही विश्व का उत्थान'
दीप प्रज्वलन और मंगलाचरण के साथ प्रारंभ हुए इस कार्यक्रम ने वातावरण को मानो युग परिवर्तन की ऊर्जा से भर दिया। मुख्य अतिथि डॉ. चिन्मय पंड्या जी, अखिल विश्व गायत्री परिवार ने कहा, “आज विश्व को दिशा देने की क्षमता केवल भारत के पास है। यह तभी संभव होगा जब हर नागरिक आत्मविश्वास, नैतिकता और आध्यात्मिकता को अपने जीवन का आधार बनाए। पूज्य गुरुदेव पं. श्रीराम शर्मा आचार्य जी का संदेश है-भारत का उत्थान ही विश्व का उत्थान है।”
उन्होंने युग निर्माण आंदोलन के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि विचार क्रांति, चरित्र निर्माण और व्यसन मुक्ति जैसे प्रयास ही नई पीढ़ी में राष्ट्रभक्ति, कर्तव्यनिष्ठा और जीवन मूल्यों के जागरण का मार्ग प्रशस्त करेंगे।
इस अवसर पर केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि “गायत्री परिवार ने शिक्षा, नारी जागरण, ग्राम विकास और पर्यावरण जैसे क्षेत्रों में जो कार्य किए हैं, वे राष्ट्र निर्माण के आधार स्तंभ हैं। यह आंदोलन आत्मनिर्भर और सशक्त भारत की दिशा में मील का पत्थर सिद्ध होगा।”
वहीं, केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा, “संस्कृति ही राष्ट्र की आत्मा है और गायत्री परिवार उस आत्मा को जीवित रखने का दिव्य कार्य कर रहा है। यह आयोजन आधुनिक युग में वेदों की पुनर्स्थापना और राष्ट्रीय चेतना के जागरण का अनुपम प्रयास है।”
कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए विशिष्ट अतिथि केंद्रीय राज्य मंत्री जनजातीय कार्य मंत्रालय दुर्गादास उईके ने कहा, “जनजातीय समाज की प्रगति और राष्ट्र की उन्नति में आध्यात्मिक जागरण की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह आयोजन समाज की जड़ों तक पहुँचने वाली प्रेरणा है।”
साथ ही, BAPS स्वामीनारायण संस्था के अंतर्राष्ट्रीय प्रमुख सारस्वत अतिथि स्वामी ब्रह्मबिहारी ने कहा, “भारत की पहचान उसकी आध्यात्मिक संस्कृति है। जब व्यक्ति का जीवन संयम, सेवा और साधना से आलोकित होता है, तभी राष्ट्र की वास्तविक उन्नति संभव होती है।”
समारोह में राष्ट्रगीत, समूह गान और युग निर्माण संकल्प ने पूरे वातावरण को राष्ट्रभक्ति और आध्यात्मिकता से आलोकित कर दिया। कार्यक्रम के समापन पर सक्रिय कार्यकर्ताओं को सम्मानित किया गया तथा शांति-पाठ के साथ यह आयोजन सम्पन्न हुआ।
इस अवसर पर यह भी आह्वान किया गया कि अब समय आ गया है, जब भारत अपने जागरण से विश्व का नवोदय करेगा। प्रत्येक नागरिक को इस महायज्ञ का सहभागी बनना ही होगा।
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