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    दिल्ली में बम विस्फोट की धमकियों के बीच आईजीआई एयरपोर्ट में मॉक ड्रिल, सुरक्षा तैयारियों को जांचा

    Updated: Sun, 14 Sep 2025 11:50 PM (IST)

    दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट पर आतंकी हमले से निपटने के लिए मॉक ड्रिल हुई जिसका नेतृत्व सीआईएसएफ क्यूआरटी ने किया। इस अभ्यास में दिल्ली पुलिस एनएसजी और अन्य एजेंसियों ने भाग लिया। इसका उद्देश्य एयरपोर्ट सुरक्षा को मजबूत करना तैयारी का आकलन करना था। अभ्यास के बाद एक समीक्षा सत्र आयोजित किया गया।

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    एयरपोर्ट पर माक ड्रिल कर आपात स्थिति में सुरक्षा की तैयारियों की हुई जांच। जागरण

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। आईजीआई एयरपोर्ट पर रविवार को आतंकी हमलों से निपटने के लिए एक माॅक ड्रिल आयोजित की गई। माॅक ड्रिल की कमान सीआईएसएफ की क्विक रिएक्शन टीम (क्यूआरटी) ने संभाली।

    माॅक ड्रिल में न सिर्फ सीआईएसएफ बल्कि दिल्ली पुलिस, राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी), नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस), दिल्ली यातायात पुलिस, अग्निशमन सेवाएं, चिकित्सा दल और दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने भी हिस्सा लिया।

    सीआईएसएफ अधिकारी ने बताया कि यात्रियों को किसी भी असुविधा से बचाने के लिए एयरपोर्ट अथाॅरिटी व दिल्ली एयरपोर्ट संचालन एजेंसी को पहले से सूचित किया गया था ताकि ड्रिल के दौरान परिचालन सुचारू रूप से चल सके।

    हाई सिक्याेरिटी थ्रेट के परिदृश्य पर आधारित इस माॅक ड्रिल के दौरान अलर्ट मैसेज से लेकर खतरे को बेअसर करने के लिए समन्वित सामरिक कार्रवाई तक सभी चरणों को शामिल किया गया।

    इसका उद्देश्य एयरपोर्ट सुरक्षा को मजबूत करना, सामरिक तैयारी को बढ़ाना और प्रतिक्रिया तंत्र का मूल्यांकन करना था।

    अभ्यास के अंत में एक समीक्षा सत्र आयोजित किया गया, जिसमें सीखे गए सबक और सुधार की आवश्यकताओं पर ध्यान केंद्रित किया गया।

    सीआईएसएफ ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर इस अभ्यास के महत्व को रेखांकित करते हुए लिखा कि ऐसे संयुक्त अभ्यास वास्तविक समय में संकट प्रतिक्रिया का परीक्षण करने, अंतर-एजेंसी समन्वय को तेज करने और विमानन सुरक्षा के लिए उभरते खतरों से निपटने की सामूहिक तैयारी को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण हैं।

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    यह ड्रिल न केवल सामरिक दक्षता का परीक्षण करती है, बल्कि संचार, निर्णय लेने और विभिन्न इकाइयों में तैनाती की गति को भी मापती है।

    वैश्विक आतंकी खतरों और नागरिक उड्डयन केंद्रों के सामने बढ़ती चुनौतियों के मद्देनजर ऐसे अंतर-एजेंसी अभ्यास बेहद महत्वपूर्ण हैं। नियमित ड्रिल्स ग्राउंड फोर्स, खुफिया इकाइयों और संकट प्रबंधन टीमों के बीच समन्वय को बेहतर बनाने में मदद करते हैं।

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