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    पीएम 2.5 के साथ सर्दियों में बढ़ रहा एनओ-2 और सीओ का स्तर, एनसीआर में हवा ‘बहुत खराब’ से ‘गंभीर’

    Updated: Sat, 13 Dec 2025 10:39 PM (IST)

    दिल्ली-एनसीआर में सर्दियों के साथ पीएम 2.5, एनओ-2 और सीओ का स्तर बढ़ रहा है, जिससे हवा की गुणवत्ता 'बहुत खराब' से 'गंभीर' श्रेणी में पहुंच गई है। वायु ...और पढ़ें

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    प्रतीकात्मक तस्वीर।

    संजीव गुप्ता, नई दिल्ली। इस साल एनसीआर में पराली का धुआं नहीं के बराबर था। इसके बावजूद सर्दियों के दौरान प्रदूषण का स्तर ''बहुत खराब'' से ''गंभीर'' रहा है। इससे साबित होता है कि एनसीआर को वायु प्रदूषण से निपटने के लिए अपने स्थानीय कारकों पर काम करने की जरूरत है। सेंटर फाॅर साइंस एंड एनवायरमेंट (सीएसई) ने अक्टूबर और नवंबर के प्रदूषण की रिपोर्ट में यह दावा किया है।

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    नए हाॅटस्पाॅट उभर रहे

    सीएसई की कार्यकारी निदेशक अनुमिता रायचौधरी के अनुसार अधिक चिंता की बात यह है कि पीएम 2.5 के बढ़ने के साथ नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (एनओ-2) और कार्बन मोनोआक्साइड (सीओ) भी बढ़ रहा है। इनके स्रोत वाहन और उद्योग हैं। वहीं सीएसई क्लीन एयर यूनिट की उप कार्यक्रम प्रबंधक शरणजीत कौर कहती हैं कि नए हाॅटस्पाॅट उभर रहे हैं। एनसीआर के छोटे शहरों में स्माग की अवधि बढ़ी है और स्माग तेजी से भी बन रहा है।

    रिपोर्ट की मुख्य बातें...

    • सुबह सात से 10 और शाम छह से नौ बजे के समय पीएम 2.5 का स्तर तेजी से बढ़ता है। इसके बाद वह नीचे आने लगता है। एनओ-2 का ट्रेंड भी ऐसा ही है। ट्रैफिक की वजह से गाड़ियों के निकल रहे यह कण व गैस ट्रैप हो रहे हैं।
    • सीओ का स्तर भी चिंता बढ़ा रहा है। इसका मुख्य स्रोत भी गाड़ियां हैं। 59 दिनों के आंकलन में 30 दिन यह 22 मानिटरिंग स्टेशन पर अधिक रहा है। द्वरका सेक्टर-8 में यह सबसे अधिक (55 दिन ), जहांगीरपुरी और नार्थ कैंपस में यह (50 दिन) अधिक रहा।

    स्थानीय स्रोत प्रदूषण की मुख्य वजह

    इस साल पंजाब हरियाणा में बाढ़ की वजह से पराली के मामले काफी कम रहे। ज्यदातर दिनों में पराली का प्रदूषण पांच प्रतिशत से भी कम रहा। इसके बावजूद अधिकांश दिन पीएम 2.5 ही मुख्य प्रदूषक रहा। 59 में से 34 दिन पीए 2.5, 25 दिन पीएम, 13 दिन ओजोन और दो दिन सीओ मुख्य प्रदूषक रहा। एक्यूआइ नवंबर में अधिकांश दिन ''बहुत खराब'' से ''गंभीर'' श्रेणी में रहा।

    उभर रहे नए हाॅटस्पाॅट

    2018 में प्रदूषण के 13 हाॅटस्पॉट थे। यह हाट स्पाट अभी भी इसी स्थिति में है। उत्तरी और पूर्वी दिल्ली सबसे प्रदूषित हैं। जनवरी से नवंबर तक प्रदूषक का हाट स्पाट जहांगीरपुरी रहा। दूसरे नंबर पर बवाना, तीसरे पर वजीराबाद, चौथे पर आनंद विहार, मुंडका, रोहिणी और अशोक विहार रहे। इतने सालों में कुछ नए हाट स्पाट भी उभरे हैं। इनमें विवेक विहार, नेहरू नगर, अलीपुर, सीरीफोर्ट, पटपड़गंज भी शामिल है।

    एनसीआर के छोटे शहरों में स्माॅग बढ़ा

    एनसीआर के कुछ शहरों में अब दिल्ली जैसी ही स्थिति है। इनमें बहादुरगढ़ सबसे अधिक प्रदूषित है। यहां पर स्माग काफी तेजी से बढ़ता है और लंबे समय तक दिखता है। इस साल बहादुरगढ़ में 10 दिनों तक स्माॅग एपीसोड रहा। यह नौ से 18 नवंबर तक रहा।

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