प्रदूषण में कमी से एक साल बढ़ी भारतीयों की उम्र, लेकिन क्यों घट रही दिल्ली वालों की उम्र? पढ़ें रिपोर्ट
भारत में 2022 में प्रदूषण में 19.3 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई जिससे लोगों की जीवन प्रत्याशा औसतन एक वर्ष बढ़ गई है। यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो के एनर्जी पालिसी इंस्टीट्यूट की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार अगर प्रदूषण में गिरावट जारी रही तो लोगों की जीवन प्रत्याशा में बड़े पैमाने पर सुधार हो सकता है। जानिए इस रिपोर्ट में और क्या कहा गया है।

पीटीआई, नई दिल्ली। भारत में 2022 में प्रदूषण में 19.3 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। बांग्लादेश के बाद दुनिया में यह दूसरी सबसे बड़ी गिरावट है। इससे हर व्यक्ति की जीवन प्रत्याशा औसतन एक वर्ष बढ़ गई है। ऐसे में अगर प्रदूषण में गिरावट का स्तर जारी रहे तो लोगों की जीवन प्रत्याशा में बड़े पैमाने पर सुधार हो सकता है।
रिपोर्ट के अनुसार भारत में 2022 में पीएम2.5 करीब नौ माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर था जो 2021 के मुकाबले 19.3 प्रतिशत कम है। यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो के एनर्जी पालिसी इंस्टीट्यूट की वार्षिक रिपोर्ट 'वायु गुणवत्ता जीवन सूचकांक 2024'में यह भी कहा गया है कि यदि भारत विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के वार्षिक पीएम2.5 मानक को पूरा नहीं कर पाता है तो भारतीयों की जीवन प्रत्याशा 3.6 वर्ष कम हो सकती है।
लोगों के स्वास्थ्य के लिए गंभीर जोखिम
डब्ल्यूएचओ का वार्षिक पीएम2.5 मानक पांच माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर है। ग्रीनपीस इंडिया के कैम्पेन मैनेजर अविनाश चंचल ने कहा कि रिपोर्ट बताती है कि वायु प्रदूषण के स्तर में मामूली कमी से भी जीवन प्रत्याशा में वृद्धि हो सकती है। वायु प्रदूषण का कम स्तर भी जीवन को काफी कम कर देता है और लोगों के स्वास्थ्य के लिए गंभीर जोखिम पैदा करता है।
पीएम2.5 में औसतन 19 प्रतिशत की गिरावट
रिपोर्ट में कहा गया है कि वायु गुणवत्ता प्रबंधन पर भारत के प्रमुख कार्यक्रम राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीएपी) के तहत आने वाले शहरों में पीएम2.5 में औसतन 19 प्रतिशत की गिरावट देखी गई। वहीं जो जिले इस कार्यक्रम में शामिल नहीं थे, उनमें गिरावट 16 प्रतिशत रही।
रिपोर्ट में भारत के स्वच्छ ईंधन कार्यक्रम प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की प्रशंसा करते हुए कहा गया है कि भारत के रिहायशी क्षेत्र में उत्सर्जन में कमी के लिए इस योजना को श्रेय दिया जा सकता है।
दिल्ली वालों की घट रही उम्र
वहीं दिल्ली में लगातार बढ़ते वायु प्रदूषण के कारण लोगों की उम्र घट रही है। यह बात एयर क्वालिटी लाइफ इंडेक्स 2024 की नवीनतम रिपोर्ट में कही गई है। इस रिपोर्ट में शहर को उत्तरी मैदानी इलाकों के सबसे प्रदूषित क्षेत्रों में से एक बताया गया है। शिकागो विश्वविद्यालय के एनर्जी पॉलिसी इंस्टीट्यूट (ईपीआईसी) की एक रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में रहने वाले 1.8 करोड़ लोगों का जीवन औसतन 11.9 वर्ष कम होने की संभावना है।
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