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    दिल्ली में 15 अक्टूबर से 15 जनवरी तक रहता है सबसे ज्यादा प्रदूषण, पांच साल से लगातार बनी हुई यही स्थिति

    By sanjeev GuptaEdited By: Abhishek Tiwari
    Updated: Tue, 10 Oct 2023 08:11 AM (IST)

    दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) द्वारा वर्ष 2018 से 2023 तक की अवधि के एक विश्लेषण में आया। इसमें बताया गया कि 16 अक्टूबर से लेकर 15 जनवरी तक दिल्ली में ग्रेप लागू होने के बावजूद लोग दूषित हवा में सांस लेने को मजबूर होते हैं। इस दौरान वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआइ) 400 के पार भी चला जाता रहा है जो गंभीर श्रेणी है।

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    दिल्ली में 15 अक्टूबर से 15 जनवरी तक रहता है सबसे ज्यादा प्रदूषण

    संजीव गुप्ता, नई दिल्ली। यूं तो दिल्ली में अब वर्ष भर ही हवा प्रदूषित रहने लगी है। लेकिन साल के 12 में से तीन महीने का समय सर्वाधिक प्रदूषित रहता है। यह तीन माह हैं सर्दियों के।

    इस दाैरान ऐसा होने के पीछे अनेक कारण सामने आए हैं और इनकी रोकथाम के लिए उपाय भी किए जा रहे हैं। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) द्वारा वर्ष 2018 से 2023 तक की अवधि के एक विश्लेषण में आया।

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    इसमें बताया गया कि 16 अक्टूबर से लेकर 15 जनवरी तक दिल्ली में ग्रेप लागू होने के बावजूद लोग दूषित हवा में सांस लेने को मजबूर होते हैं। इस दौरान वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआइ) 400 के पार भी चला जाता रहा है, जो ''गंभीर'' श्रेणी है।

    विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक वायु प्रदूषण के जो मानक बनाए गए हैं, उन्हें देखेंगे तो लोग 12 माह दूषित हवा में सांस ले रहे हैं। यह न केवल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है बल्कि इससे जीने की उम्र भी कम हो रही है।

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    12 माह का पखवाड़े के हिसाब का औसत AQI 

    • 1 से 15 जनवरी - 324
    • 16 से 31 जनवरी - 295
    • 1 से 15 फरवरी - 257
    • 16 से 28 फरवरी - 235
    • 1 से 15 मार्च - 185
    • 16 से 31 मार्च - 189
    • 1 से 15 अप्रैल - 188
    • 16 से 30 अप्रैल - 205
    • 1 से 15 मई - 188
    • 16 से 31 मई - 182
    • 1 से 15 जून - 188
    • 16 से 30 जून - 139
    • 1 से 15 जुलाई - 118
    • 16 से 31 जुलाई - 84
    • 1 से 15 अगस्त - 97
    • 16 से 31 अगस्त - 96
    • 1 से 15 सितंबर - 99
    • 16 से 30 सितंबर - 106
    • 1 से 15 अक्टूबर - 172
    • 16 से 31 अक्टूबर - 283
    • 1 से 15 नवंबर - 370
    • 16 से 30 नवंबर - 299
    • 1 से 15 दिसंबर - 322
    • 16 से 31 दिसंबर - 351

    नोट- यह आंकड़े वर्ष 2018 से 2023 के दौरान के हैं।

    सर्दियों में वायु प्रदूषण अधिक रहने की वजह

    • पराली का धुआं
    • धूल प्रदर्शन
    • तापमान में कमी
    • धूल प्रदूषण
    • खुले में कचरा जलाना

    सर्दियों में प्रदूषण रोकने के लिए किए जा रहे उपाय

    1. दिल्ली सरकार का 15 सूत्रीय विंटर एक्शन प्लान
    2. एक माह लंबा धूल विरोधी अभियान
    3. खुले में कचरा जलाने से रोकने के लिए गश्त और आरडब्ल्यूए से संवाद
    4. दिल्ली के खेतों में बायो डिकंपोजर का छिड़काव
    5. 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों के परिचालन पर बीच बीच में रोक

    वायु प्रदूषण को कम करने के लिए सभी को मिलकर आगे आना होगा। इसमें हितधारकों की बड़ी भूमिका हो सकती है। समन्वित प्रयासों से ही पहले सफलता मिली है, आगे भी मिलेगी।

    - अश्विनी कुमार, चैयरमेन, डीपीसीसी