क्या सच में हुई थी एअर इंडिया विमान की विस्तृत जांच? विशेषज्ञों ने उठाए बड़े सवाल, समय की कमी की बात भी आई सामने
नई दिल्ली से अहमदाबाद जा रहा एअर इंडिया का बोइंग ड्रीमलाइनर विमान उड़ान भरने के दौरान हादसे का शिकार हो गया। विमान की देखरेख में चूक की आशंका जताई जा रही है जिसकी जांच शुरू हो गई है। विमान की लैंडिंग और टेकऑफ के बीच कम समय होने के कारण विस्तृत जांच नहीं हो पाई थी। जांच के लिए इंजीनियरों की टीम अहमदाबाद भेजी गई है।

गौतम कुमार मिश्रा, नई दिल्ली। एअर इंडिया का बोइंग ड्रीमलाइनर विमान बृहस्पतिवार सुबह जब उड़ान संख्या एआई423 बनकर जब आईजीआई एयरपोर्ट से अहमदाबाद के लिए रवाना हुआ, तब किसी ने नहीं सोचा होगा कि अब यह विमान नई दिल्ली कभी नहीं लौटेगा। इस विमान को अहमदाबाद से लंबी दूरी तय करके लंदन जाना था, लेकिन टेकऑफ के दौरान ही यह हादसे का शिकार हो गई।
हादसे का कारण जानने के लिए जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, लेकिन आईजीआई एयरपोर्ट के प्रस्थान टर्मिनल पर एअर इंडिया के पायलटों, इंजीनियरों के बीच कारणों को लेकर चर्चा पूरे दिन चलती रही। एविएशन एक्सपर्ट भी पूरे दिन कयास लगाते रहे। कयासों के बीच तमाम कारणों के बीच सर्वाधिक आशंका विमान की देखरेख में हुई चूक को सभी बता रहे हैं।
विमान की प्रत्येक लैंडिंग के बाद इंजीनियरों की टीम करती है जांच
सूत्रों का कहना है कि विमान की प्रत्येक लैंडिंग के बाद इंजीनियरों की टीम उसकी जांच करती है। खासकर जब विमान को जब अंतरराष्ट्रीय रूट पर वह भी लंबी दूरी पर रवाना होना हो तो यह जांच और भी बारीकी से की जाती है। ड्रीमलाइनर नई दिल्ली से एआई 423 बनकर तय समय से करीब 17 मिनट के विलंब से सुबह 10.07 बजे रवाना हुई। विमान ने अहमदाबाद एयरपोर्ट पर 11.16 बजे लैंडिंग की।
लैंडिंग और टेकऑफ के बीच 2.22 घंटे का अंतर रहा
इसके बाद इसकी अगली उड़ान 1.10 बजे थी। लेकिन विमान करीब 28 मिनट की देरी से 1.38 बजे रवाना हुआ। यानि लैंडिंग और टेकऑफ के बीच 2.22 घंटे का अंतर रहा। विमानन विशेषज्ञों का कहना है कि इसमें करीब आधे घंटे का समय हमें लैंडिंग की प्रक्रिया और बे एरिया से क्लियरेंस मिलने के बाद रनवे की दूरी तय करने को देनी चाहिए। शेष बचे समय में विमान की तकनीकी जांच विस्तृत तरीके से नहीं की जा सकती है। तो फिर विस्तृत जांच कहां हुई होगी।
विस्तृत जांच आईजीआई एयरपोर्ट पर हुई होगी
विस्तृत जांच की प्रक्रिया में एक मशीन पूरे विमान को स्कैन करके उन हिस्सों के बारे में इंजीनियरों को जानकारी मुहैया करा देती है, जहां ध्यान देने की जरुरत है। लेकिन इसमें समय लगता है। विशेषज्ञों का कहना है कि विमान की विस्तृत जांच बृहस्पतिवार को यात्रा के उदगम स्थल यानि आईजीआई एयरपोर्ट पर हुई होगी। विस्तृत जांच में कम से कम पांच से छह घंटे का समय हर हाल में लगेगा। तो जांच में चूक की संभावना कहां हुई होगी।
विशेषज्ञों का कहना है कि चूक की ज्यादातर संभावना विस्तृत जांच में लगती है। लेकिन यह भी एक तथ्य है कि विमान ने नई दिल्ली से अहमदाबाद की यात्रा सुरक्षित तरीके से की। ऐसे में मामला जटिल है। अभी जांच का इंतजार किया जाना चाहिए।
ड्रीमलाइनर जांच की जिम्मेदारी एअर इंडिया के पुराने कर्मियों पर
सूत्रों का कहना है कि एअर इंडिया जब निजी हाथ को सौंपा गया तो सभी जिम्मेदारी हस्तांतरित हुई लेकिन ड्रीमलाइनर के कुछ विमान की देखरेख पुराने इंजीनियरों के टीम के हाथों में अभी भी है। जिसमें अहमदाबाद में क्रैश हुआ ड्रीमलाइनर भी शामिल है। निश्चित तौर पर कारणों का पता लगाने के दौरान नई दिल्ली व अहमदाबाद में विमान की देखरेख से जुड़े इंजीनियरों की टीम से पूछताछ होगी ताकि एक निष्कर्ष पर पहुंचा जा सके।
रिलीफ विमान से भेजी गई इंजीनियरों की टीम
एअर इंडिया के कर्मियों का दल जिसमें इंजीनियरों की पूरी टीम है, उन्हें नई दिल्ली से अहमदाबाद भेजा गया है ताकि वहां जरुरत पड़ने पर विमानों की देखरेख से जुड़े कार्य में तत्काल इनकी मदद ली जा सके। करीब 100 इंजीनियरों के दल को भेजे जाने की बात कही जा रही है। बृहस्पतिवार शाम को कई इंजीनियर को प्रबंधन ने फौरन डयूटी पर लौटने को कहा ताकि उन्हें अहमदाबाद भेजा जा सके।
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