AIIMS Cyber Attack: ई-हास्पिटल का डाटा सर्वर पर हुआ बहाल, पूरी तरह शुरू नहीं हुई डिजिटल सेवाएं
एम्स के सर्वर पर रैनसमवेयर के अटैक के सातवें दिन भी अस्पताल की डिजिटल सेवाएं शुरू नहीं हो पाई। एम्स प्रशासन ने मंगलवार रात को बयान जारी कर ई-हास्पिटल के डाटा को सर्वर पर बहाल कर लेने का दावा किया है।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। एम्स के सर्वर पर रैनसमवेयर के अटैक के सातवें दिन भी अस्पताल की डिजिटल सेवाएं शुरू नहीं हो पाई। इस वजह से मैनुअल तरीके से पंजीकरण कर ही चिकित्सा सुविधाओं को जारी रखा गया है। एम्स प्रशासन ने मंगलवार रात को बयान जारी कर ई-हास्पिटल के डाटा को सर्वर पर बहाल कर लेने का दावा किया है। एम्स में हुए रैनसमवेयर अटैक को लेकर अस्पताल में अफरा-तफरी मच गई थी। इस अटैक से मरीजों के इलाज के लिए डाक्टरों और प्रशासन को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
डाटा को सर्वर पर किया बहाल
एम्स प्रशासन का कहना है कि ई-हास्पिटल के डाटा को सर्वर पर बहाल कर लिया गया है लेकिन सर्वर को शुरू करने से पहले संस्थान के पूरे कंप्यूटर नेटवर्क को वायरस मुक्त करने का काम किया जा रहा है। साथ ही साइबर सुरक्षा के लिए भी जरूरी कदम उठाए गए हैं। इसके तहत एम्स में लगे सभी पांच हजार कंप्यूटर को फार्मेट कर नए सिरे से साफ्टवेयर, एंटीवायरस, फायरवाल अपलोड किया जा रहा है। एम्स का कहना है कि संस्थान में बड़ी संख्या में कंप्यूटर होने के कारण प्रक्रिया में देर हो रही है। इस वजह से ओपीडी, वार्ड व लैब में अभी मैनुअल तरीके से ही जांच और इलाज की सुविधाएं जारी रहेंगी। उल्लेखनीय है कि 23 नवंबर को एम्स के सर्वर पर रैनसमवेयर अटैक की घटना हुई थी।
क्या है रैनसमवेयर अटैक
एम्स रैनसमवेयर बहुत खतराना अटैक में से एक माना जाता है। साइबर मामलों के जानकार पवन दुग्गल कहते है कि यह साफ्टवेयर फोन या कंप्यूटर में पर कब्जा कर सकता है। इस अटैक के बाद सिस्टम में लाग-इन भी नहीं किया जा सकता है और फाइलों को भी नहीं खोला जा सकता है। पवन दुग्गल आगे कहते है कि इस अटैक के बाद एक संदेश सामने दिखाई पड़ता है कि सिस्टम हैक हो चुका है।
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