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    दिल्ली AIIMS में सायरन बजाते हुए पहुंची पुलिस तो मच गई अफरातफरी, पुलिस ने पूरी इमारत को घेरा

    Updated: Fri, 18 Jul 2025 08:40 PM (IST)

    गुरुवार रात एम्स के राजकुमारी अमृत कौर ओपीडी ब्लॉक में सायरन बजाती पुलिस और फायर ब्रिगेड की गाड़ियां पहुंचीं जिससे अफरा-तफरी मच गई। बम निरोधक दस्ते ने बिल्डिंग की तलाशी ली। यह मॉक ड्रिल आतंकवाद विरोधी तैयारियों का जायजा लेने के लिए की गई थी। पुलिस ने आपात स्थिति में कार्रवाई के समय की समीक्षा की और सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया।

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    एम्स में सायरन बजाते हुए पहुंची पुलिस तो मची अफरातफरी।

    जागरण संवाददाता, दक्षिणी दिल्ली। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के राजकुमारी अमृत कौर ओपीडी ब्लॉक में बृहस्पतिवार रात अचानक सायरन बजाते हुए पुलिस और फायर ब्रिगेड की गाड़ियां मौके पर पहुंची और कुछ ही पलों में पूरी बिल्डिंग को पुलिस ने घेर लिया।

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    बम निरोधक दस्ते ने बिल्डिंग के चप्पे चप्पे की तलाशी ली। इससे वहां अफरा तफरी मच गई। मगर जब वहां कुछ नहीं मिला तो पुलिस ने राहत की सांस ली। दरअसल आतंकवाद विरोधी तैयारियों का जायजा लेने के लिए पुलिस सुरक्षा व आपदा नियंत्रण एजेंसियों के साथ मॉक ड्रिल कर रही थी।

    कई सुरक्षा इकाइयों को भी सक्रिय किया गया

    मॉक ड्रिल के दौरान पुलिस ने किसी भी आपात सूचना के मिलने पर कार्रवाई में लगने वाले समय की समीक्षा भी की। इस दौरान बम निरोधक दस्ता, अग्निशमन विभाग, डाग स्क्वाड, स्पेशल वेपन्स एंड टैक्टिक्स (स्वाट) दस्ते और अन्य सुरक्षा इकाइयों को भी सक्रिय किया गया। पुलिस के अनुसार जैसे ही राजकुमारी अमृत कौर ओपीडी ब्लॉक में बम रखे होने की सूचना मिली पुलिस ने पूरे इलाके की तत्काल घेराबंदी की।

    इस दौरान अस्पताल में मौजूद स्टाफ और मरीजों को भी सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का अभ्यास किया गया, जिसके बाद बम निरोधक दस्ते ने कार्रवाई करते हुए तलाशी अभियान चलाया। आधी रात तक चली ड्रिल के बाद पुलिस अधिकारियों ने सुरक्षा व्यवस्था की बारीकी से समीक्षा की।

    अस्पताल पहुंचाने जैसी व्यवस्था की भी जांच की गई

    पुलिस ने बताया कि मॉक ड्रिल के दौरान भीड़ वालों स्थानों से लोगों को समय रहते सुरक्षित निकालने, आपात स्थिति में उन्हें अस्पताल पहुंचाने जैसी व्यवस्था की भी जांच की गई। पुलिस ने बताया कि इस तरह की मॉक ड्रिल समय-समय पर होती रहेंगी ताकि राजधानी के प्रमुख संस्थानों की सुरक्षा तैयारियों का जायजा लिया जा सके।

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