क्या आप देश के पहले गृह मंत्री से पूछना चाहते हैं सवाल ? प्रधानमंत्री संग्रहालय में जवाब देगा सरदार पटेल का AI अवतार
प्रधानमंत्री संग्रहालय ने देश के पहले गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल का एआई थ्रीडी अवतार तैयार किया है। यह सात फीट का होलोबाॅक्स है जो दर्शकों के सवालों के जवाब देगा। इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिन पर होगा। एआई सरदार पटेल स्वतंत्रता आंदोलन और रियासतों को एकजुट करने जैसे विषयों पर सटीक जवाब देने में सक्षम है। यह पटेल के विचारों को जानने का एक अनूठा अवसर है।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। देश के पहले गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल हमारे बीच नहीं है, लेकिन राष्ट्र निर्माण तथा राष्ट्र प्रेम की उनकी कहानियां व किस्से हमारे बीच काफी आदर से जगह पाती हैं। राजनीतिक गलियारों में कई मौकों पर यह विमर्श होता है कि अगर देश के पहले पीएम सरदार पटेल होते तो क्या होता?
अब आपके पास होगा एआई सरदार पटेल यानि पटेल का एआई थ्रीडी अवतार। जी, हां, देश में पहले एआई सरदार पटेल को तैयार किया गया है, जिसे तैयार कराने का काम किया है प्रधानमंत्री संग्रहालय ने।
बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जन्मतिथि के अवसर पर एआई सरदार पटेल का उद्घाटन होगा।विशेष कि यह पटेल सात फीट के होलोबाक्स हैं, जिसमें पटेल की संवाद करता थ्रीडी आकार है। उनसे सवाल बोलकर या टाइप कर पूछे जा सकते हैं।
इस बारे में प्रधानमंत्री संग्रहालय की एक अधिकारी ने बताया कि करीब तीन माह के प्रयासों में इस एआइ होलोबाक्स को इस तरह तैयार किया गया है, जो हर सवालों का सही तथा कठिन सवालों का चतुराई भरा जवाब दे सकते हैं।
अधिकारी ने बताया कि वैसे तो एआई सरदार पटेल आज के परिदृश्य पर आधारित सवालों के जवाब दे सकेंगे, लेकिन स्वाधीनता आंदोलन, स्वाधीनता, भारत सरकार के गठन, संविधान का निर्माण, उस वक्त का राजनीतिक , सामाजिक परिदृश्य तथा उनके द्वारा रियासतों में बंटे भारत को एकजुट करने के अभियान पर जवाब सटीक व विस्तृत हाेंगे।
यह दर्शकों व श्रोताओं के लिए आधुनिक भारत के महान निर्माताओं में से एक पटेल के विचारों व दर्शन को जानने समझने का बेहतर मौका होगा। इसे अभी प्रयोग के लिए पीएम संग्रहालय में अनुभूति पैवेलियन में रखा गया है, जहां लोग उनसे खूब सवाल पूछ रहे हैं।
उनके सामने ऐसे सवाल भी आ रहे हैं कि आप पीएम क्यों नहीं बन सके, पर उनका ''आपकी भावनाओं को कद्र करता हूं। उस समय जो परिस्थितियां थी उसके अनुसार में उचित निर्णय लिया गया है।
हम लोगों का मकसद राष्ट्र की एकता, अखंडता को बनाए रखना था।'' जैसे, चतुराई भरा जवाब भी मिल रहा है अधिकारी के अनुसार, इसे तैयार करने में तकनीक व लिखने वाली टीमें, इतिहास विशेषज्ञ और शोधकर्ता भी शामिल रहे।
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