Delhi Crime: अग्रवाल मेडिकल सेंटर का तुगलकाबाद में भी फैला था जाल, यहां भी टेक्नीशियन करता था सर्जरी
दक्षिणी दिल्ली के ग्रेटर कैलाश में अग्रवाल मेडिकल सेंटर का जाल तुगलकाबाद में फैला हुआ था। इसी तरह का एक और सेंटर यहां भी खुला था। इसमें आरोपित लैब टेक्नीशियन महेंद्र पथरी की सर्जरी और सिजेरियन डिलीवरी करता था। वह रोज एक से दो सर्जरी करता था। पुलिस ने छापेमारी कर इस सेंटर से सर्जरी के औजार बरामद किए हैं।

जागरण संवाददाता, दिल्ली। दक्षिणी दिल्ली के ग्रेटर कैलाश में अग्रवाल मेडिकल सेंटर में फर्जी सर्जरी करने के मामले में रोज नए खुलासे हो रहे हैं। अब यह जानकारी सामने आई है कि आरोपित लैब टेक्नीशियन महेंद्र ने तुगलकाबाद में भी एक ऐसा ही सेंटर खोल रखा था, जिसमें पथरी की सर्जरी और सिजेरियन डिलीवरी की जाती थी।
पुलिस ने बताया कि इसकी जानकारी मिलते ही पुलिस और एम्स की टीम ने उक्त सेंटर में छापेमारी की और वहां से सर्जरी करने वाली मशीनें बरामद की। बता दें, आरोपी महेंद्र सहित अग्रवाल मेडिकल सेंटर संचालक नीरज अग्रवाल और उसकी पत्नी पांच दिन के पुलिस रिमांड पर हैं।
आरोपी एक दिन में 2-3 सर्जरी करता था
ग्रेटर कैलाश थाना प्रभारी इंस्पेक्टर अजीत कुमार ने बताया कि आरोपित फर्जी सर्जन महेंद्र ने वर्ष 2021 में तुगलकाबाद में सेंटर खोला था। यहां पर भी पथरी और सिजेरियन डिलीवरी की सर्जरी होती थी। महेंद्र अपने सेंटर पर भी सर्जरी करता था, जबकि आरोपित लैब टेक्नीशियन है। वह एक दिन में दो से तीन सर्जरी करता था। पुलिस ने सेंटर से मरीजों की जानकारी से जुड़े रजिस्टर भी बरामद किए हैं।
तीन की अनुमति लेकिन अग्रवाल मेडिकल सेंटर में लगे थे 20 बेड
फर्जी सर्जरी प्रकरण में जैसे-जैसे पुलिस की जांच आगे बढ़ रही, उसी क्रम में नए-नए फर्जीवाड़ा सामने आ रहे हैं। अब इस मामले में पता चला है कि ग्रेटर कैलाश एक स्थित अग्रवाल मेडिकल सेंटर में नियमों के तहत तीन बेड लगाने की अनुमति थी, जबकि यहां पर आरोपित संचालक ने 20 बेड लगाए थे।
पुलिस की छानबीन में यह बात सामने आई है। इसको लेकर संबंधित विभाग ने भी अपने स्तर पर जांच शुरू कर दी है। दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय ने 16 नवंबर को अग्रवाल मेडिकल सेंटर का पंजीकरण रद्द करने का कारण बताओ नोटिस जारी किया था।
नोटिस में कहा गया है कि सेंटर का पंजीकरण दिल्ली नर्सिंग होम्स रजिस्ट्रेशन एक्ट 1953 के तहत किया गया है। इसमें वर्ष 2021 से 2024 तक सेंटर में तीन बेड की अनुमति दी गई है। जब पुलिस ने सेंटर पर जाकर छानबीन की तो वहां पर करीब 20 बेड लगाए गए थे।
अनुमति से अधिक बेड लगाना सेंटर के पंजीकरण पर भारी पड़ सकता है
अनुमति से अधिक बेड लगाना सेंटर के पंजीकरण पर भारी पड़ सकता है। स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय पहले ही आरोपित संचालक नीरज कुमार को कारण बताओे नोटिस जारी कर चुका है। अब इस उल्लंघन के मामले की भी छानबीन की जा रही है। इसके अलावा एम्स की टीम को सेंटर से पुरानी आपरेशन टेबल भी मिल चुकी है। इन्हें सील कर दिया गया है।
नोटिस के जवाब के बाद महानिदेशालय अग्रवाल मेडिकल सेंटर का पंजीकरण रद कर सकता है। वहीं, रिमांड अवधि में आरोपितों से पूछताछ के दौरान पता चला कि फर्जी सर्जन महेंद्र ने भी तुगलकाबाद एक्सटेंशन में न्यू गंगा के नाम से अस्पताल खोल रखा था।
एम्स की टीम ने गुरुवार को सेंटर पर छापेमारी की
पुलिस और एम्स की टीम ने गुरुवार को सेंटर पर छापेमारी की। यहां से पुलिस ने सर्जरी करने वाली मशीन सहित अन्य मेडिकल उपकरण बरामद किए। यहां से किसी की गिरफ्तारी नहीं की गई। ग्रेटर कैलाश थाना प्रभारी इंस्पेक्टर अजीत कुमार ने बताया कि आरोपित महेंद्र ने वर्ष 2021 में तुगलकाबाद में सेंटर खोला था। महेंद्र ने खुद के बचाव में कहा है कि वह सर्जरी के लिए बाहर से योग्य डाक्टरों को आन काल बुलाता था।
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