विदेश में वेटर की नौकरी का वादा कर तीन यात्रियों के लिए बनाया फर्जी वीजा और टिकट, पुलिस ने दबोचा
दिल्ली पुलिस ने फर्जी शेंगेन वीजा मामले में अमृतसर के एक एजेंट कमलदीप सिंह को गिरफ्तार किया है। उसने तीन यात्रियों से स्पेन में नौकरी दिलाने के नाम पर 17 लाख रुपये लिए और उन्हें जाली वीजा और टिकट दिए। एयरपोर्ट पर पकड़े जाने के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। कमलदीप को हरियाणा के कुरुक्षेत्र से गिरफ्तार किया गया।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। फर्जी शेंगेन वीजा व टिकट के दम पर तीन यात्रियों को स्पेन भेजने से जुड़े मामले में पुलिस ने अमृतसर के एक एजेंट कमलदीप सिंह को गिरफ्तार किया है। इस मामले में तीन यात्रियों से एजेंट ने इस वादे पर 17 लाख रुपये ऐंठ लिए कि वह तीनों को अपने स्वजन के माध्यम से स्पेन की राजधानी मैड्रिड में वेटर की नौकरी दिलाएगा। एजेंट ने इसके बाद फर्जी टिकट व वीजा का इंतजाम किया। इससे पहले कि यात्री उड़ान भरते, उन्हें एयरपोर्ट पर पकड़ लिया गया। मामले की जांच जारी है।
आईजीआई जिला पुलिस की अतिरिक्त आयुक्त उषा रंगनानी ने बताया कि 29 मई की रात अमृतसर के तीन यात्री हरजीत सिंह, भगवंत सिंह, और गुरचरण सिंह को टर्मिनल 3 पर जाली दस्तावेज पेश करने के बाद हिरासत में लिया गया।
पुलिस ने धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया
इंडिगो एयरलाइंस काउंटर पर पेश किए गए टिकट, जो एक एजेंट द्वारा जारी किए गए थे, एयरलाइन के सिस्टम में दर्ज नहीं थे, जिससे संदेह पैदा हुआ। संदेह के बाद स्विस संपर्क अधिकारी से संपर्क करने पर पता चला कि शेंगेन वीजा में जो सुरक्षा फीचर होते हैं, वह नहीं हैं। इसके बाद पुलिस ने धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया।
एसीपी की देखरेख में इंस्पेक्टर अजय यादव व टीम ने जब मामले की जांच शुरू की तो पता चला कि आरोपित कमलदीप सिंह ने बटाला के एजेंट सोनू वालिया के साथ मिलकर इस साजिश को अंजाम दिया। कमलदीप ने यात्रियों से 17 लाख रुपये इकट्ठा किए और सोनू वालिया के चचेरे भाई के माध्यम से स्पेन की राजधानी मैड्रिड में वेटर की नौकरी का वादा किया।
पंजाब पुलिस ने 25 मई को गिरफ्तार कर लिया
यह जानते हुए भी कि सोनू वालिया को पंजाब पुलिस ने 25 मई को गिरफ्तार कर लिया था, कमलदीप ने यह जानकारी यात्रियों से छिपाई और उन्हें एयरपोर्ट तक पहुंचाया। 300 किलोमीटर की पीछा के बाद, पुलिस ने कमलदीप को हरियाणा के कुरुक्षेत्र में धर दबोचा, जब वह अमृतसर से भाग रहा था।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इस मामले में फर्जी वीजा के स्रोत और आरोपितों के बैंक खातों की जांच की जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि यात्रियों से आग्रह है कि वे केवल अधिकृत एजेंसियों से यात्रा दस्तावेज प्राप्त करें और दस्तावेजों की प्रामाणिकता की जांच करें ताकि कानूनी परेशानियों से बचा जा सके।

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