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    भलस्वा के बाद अब ओखला लैंडफिल पर खाली हुई जमीन पर लगेंगे बांस

    Updated: Fri, 06 Jun 2025 06:58 PM (IST)

    दिल्ली में एमसीडी ने ओखला लैंडफिल साइट पर 10 एकड़ भूमि खाली कराकर बड़ी कामयाबी हासिल की है। इस भूमि को हरा-भरा बनाने के लिए पौधरोपण किया जा रहा है जिसमें बांस के पौधे लगाए जाएंगे। उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री समेत कई गणमान्य लोग इस अभियान में हिस्सा लेंगे। इस कदम से दिल्ली में कूड़े के पहाड़ों को कम करने में मदद मिलेगी।

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    ओखला लैंडफिल पर लगेंगे बांस के पौधे। फाइल फोटो

    निहाल सिंह, नई दिल्ली। दिल्ली में कूड़े के पहाड़ों को खत्म करने की दिशा में चल रहे कार्य के तहत एमसीडी को ओखला में 10 एकड़ भूमि खाली कराने में बड़ी कामयाबी मिली है।

    अब इस भूमि पर पौधरोपण कर इस भूमि को हरा-भरा बनाया जा रहा है। इसी कड़ी में शुक्रवार को उपराज्यपाल वीके सक्सेना से लेकर सीएम रेखा गुप्ता और महापौर राजा इकबाल समेत कई गणमान्य लोग शाम को पौधरोपण करेंगे।

    पौधरोपण अभियान के तहत यहां पर भलस्वा लैंडफिल की तर्ज पर बांस के आठ हजार पौधे लगाए जाएंगे। एमसीडी के अनुसार शुक्रवार को पौधरोपण दो एकड़ भूमि पर हुआ।

    आठ एकड़ भूमि पहले ही कराई जा चुकी है खाली

    आठ एकड़ भूमि को पहले ही एमसीडी खाली कर उसे हरित क्षेत्र के रूप में विकसित कर रही है। अब दो एकड़ भूमि पर यह पौधरोपण होगा।

    ओखला लैंडफिल साइट 62 एकड़ इलाके में फैली है। यह 1996 में शुरू हुई थी। लेकिन इस पर 60 लाख मीट्रिक टन कूड़ा डाल दिया गया।

    कूड़े के पहाड़ों की बढ़ती ऊंचाई चिंता का विषय बन रही थी एनजीटी के आदेश पर 2019 में इन कूड़े के पहाड़ों के निस्तारण का कार्य शुरू हुआ था।

    शुरूआत में तीन साल के भीतर इन कू़ड़े के पहाड़ों को खत्म करने की योजना थी लेकिन विभिन्न कारणों से बार-बार इसकी समय-सीमा बदलती रही है।

    दिसंबर 2028 तक तीन लैंडफिल साइट को खत्म करने की है योजना

    अब ओखला, गाजीपुर और भलस्वा लैंडफिल को दिसंबर 2028 तक खत्म करने की योजना है। एमसीडी के एक अधिकारी ने बताया कि अब तक हम आठ एकड़ भूमि खाली कर चुके हैं।

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    अभी दो एकड़ भूमि और खाली हो रही है। जिस पर बांस के पौधों का पौधरोपण की शुरुआत शुक्रवार को सीएम और एलजी द्वारा की जाएगी।

    अधिकारियों के अनुसार बांस की दो प्रजाति टुल्डा और पोलीमोरफा का रोपण किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि भलस्वा लैंडफिल पर खाली हुई पांच एकड़ भूमि पर भी इससे पहले मार्च माह में बांस के पौधों को लगाया गया था।

    एक फीट इनर्ट तो एक फीट मिट्टी डाली गई है

    लैंडफिल पर पौधरोपण करने के बाद उनको जीवित रखना काफी चुनौती भरा होता है। ऐसे में एमसीडी ने भलस्वा लैंडफिल के पौधरोपण में सामने आई दिक्कतों को ध्यान में रखते हुए कुछ सुधार भी किए हैं।

    इसमें पौधों के साथ कुछ ऐसी घास भी लगाई जाएगी जो मिट्टी को उपजाऊ बनाए। एमसीडी ने मिट्टी को उपजाऊ और पौधों को अनुकुल बनाने के लिए खाली भूमि पर एक फीट लैंडफिल से कूड़ा निस्तारण करके निकाली गई मिट्टी (इनर्ट) को बिछाया है और उसके ऊपर एक फीट नई मिट्टी भी डाली गई है। पौधों का ध्यान रखने के लिए यहां पर कर्मियों की भी नियुक्ति की गई है।

    ओखला लैंडफिल

    क्षेत्रफल : 62 एकड़

    कब शुरु हुई: 1996

    कब तक साफ करना है कूड़ा: दिसंबर 2028

    पहले कितना कूड़ा था: 60 लाख मीट्रिक टन

    अब कितना कूड़ा है: 29.2 लाख मीट्रिक टन

    प्रतिदिन कितना कूड़ा निस्तारित हो रहा है: 5500 मीट्रिक टन

    कितनी भूमि खाली कराई जा चुकी हैः 10 एकड़

    प्रतिदिन कितना नया कू़ड़ा डलता है: कुछ नहीं

    गाजीपुर लैंडफिल साइट

    क्षेत्रफल : 70 एकड़

    कब शुरु हुई:1984

    कब तक साफ करना है कूड़ा: दिसंबर 2028

    पहले कितना कूड़ा था:140 लाख मीट्रिक टन

    अब कितना कूड़ा है:83.7 लाख मीट्रिक टन

    प्रतिदिन कितना कूड़ा निस्तारित हो रहा है:8200

    कितनी भूमि खाली कराई जा चुकी हैः कुछ नहीं

    प्रतिदिन कितना नया कूड़ा डलता है: 2000 मीट्रिक टन

    भलस्वा लैंडफिल

    क्षेत्रफल : 70 एकड़

    कब शुरु हुई:1994

    कब तक साफ करना है कूड़ा: दिसंबर 2028

    पहले कितना कूड़ा था: 80 लाख मीट्रिक टन

    अब कितना कूड़ा है: 47 लाख मीट्रिक टन

    प्रतिदिन कितना कूड़ा निस्तारित हो रहा है:8300 मीट्रिक टन

    कितनी भूमि खाली कराई जा चुकी हैः पांच एकड़

    प्रतिदिन कितना नया कूड़ा डलता है: 2000 मीट्रिक टन