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    दिल्ली में फर्जी फार्मासिस्टों का भंडाफोड़, ACB ने जांच की तेज; लाइसेंस रद्द होने के साथ सबकी गिरफ्तारी तय

    Updated: Sat, 05 Apr 2025 07:56 AM (IST)

    दिल्ली में फर्जी फार्मासिस्ट बनाने के रैकेट का भंडाफोड़ होने के बाद एसीबी ने जांच तेज कर दी है। फार्मेसी काउंसिल में तैनात क्लर्क मुकेश कुमार शर्मा से पूछताछ के आधार पर फर्जी फार्मासिस्टों की पहचान की जा रही है। काउंसिल में पंजीकृत 4928 फार्मासिस्टों में से करीब 70 प्रतिशत के फर्जी होने की आशंका है। ACB जल्दी औषधि नियंत्रक विभाग को पत्र लिखकर लाइसेंस रद्द करने की मांग करेगी।

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    एसीबी का दावा फर्जी फार्मासिस्ट बने अधिकतर ने खोल रखी है अपनी दवा की दुकान। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। फर्जी फार्मासिस्ट बनाने का रैकेट पकड़े जाने के बाद एसीबी (भ्रष्टाचार निरोधक शाखा) की एक बड़ी टीम ने दिल्ली फार्मेसी काउंसिल में अनुबंध पर तैनात क्लर्क मुकेश कुमार शर्मा से पूछताछ के आधार पर फार्मासिस्टों के दस्तावेज की जांच तेज कर दी है, ताकि काउंसिल में पंजीकृत फर्जी फार्मासिस्टों की पहचान की जा सके।

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    मुकेश 20 साल से काउंसिल में तैनात है। एसीबी का दावा है कि उसे फर्जीवाड़े की पूरी जानकारी है, इसलिए मुख्य सूत्रधार मानते हुए गिरफ्तारी के दौरान ही मुकेश से विस्तृत पूछताछ की गई थी। अब दस्तावेज की जांच की जा रही है। जैसे-जैसे फर्जी फार्मासिस्टों की पहचान होगी, उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा।

    काउंसिल में 4,928 फार्मासिस्ट पंजीकृत हैं, जिनमें करीब 70 प्रतिशत फर्जी फार्मासिस्ट होने की संभावना है। एसीबी के संयुक्त आयुक्त मधुर वर्मा ने बताया कि कि अधिकतर फर्जी फार्मासिस्टों ने अपनी-अपनी दवा की दुकान खोल रखी है।

    जांच में जो फार्मासिस्ट फर्जी पाए जाएंगे उनकी सूची तैयार कर एसीबी जल्द औषधि नियंत्रक विभाग व फार्मेसी काउंसिल को पत्र लिख उनके लाइसेंस और पंजीकरण को रद करने के लिए चिट्ठी लिखेगी। जांच में गति लाने के लिए शनिवार को फार्मेसी काउंसिल के पूर्व रजिस्ट्रार कुलदीप सिंह, काउंसिल में अनुबंध पर तैनात क्लर्क मुकेश कुमार शर्मा व फर्जी दस्तावेज बनाने वाले संजय की कोर्ट से एसीबी रिमांड मांगेगी।

    मुकेश कुमार को काउंसिल के बारे में हर जानकारी है। उसकी यूपी व पंजाब के कॉलेजों से साठगांठ है, जिससे वह उक्त कालेजों से अभ्यर्थियों को फार्मासिस्ट में डिप्लोमा का फर्जी दस्तावेज बनवा देता था और दिल्ली फार्मेसी काउंसिल से उक्त कालेजों को सत्यापन के लिए भेजे गए मेल पर वहां के क्लर्कों को कमीशन देकर फर्जी तरीके से दस्तावेज का सत्यापन भी करवा देता था।

    संजय कुमार का काम इच्छुक युवाओं की तलाश करना था। एसीबी के एसीपी जरनैल सिंह का कहना है कि इस केस में भ्रष्टाचार अधिनियम व फर्जीवाड़े की धाराओं समेत आपराधिक साजिश रचने की धारा भी लगाई गई है। इसलिए इस केस में जितने लोगों को आरोपित बनाया जाएगा, उन सभी पर सामान धारा लगेगी। इन धाराओं के तहत अधिकतम उम्रकैद की सजा का प्रविधान है।

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