मोटे मुनाफे का लालच, 300 से ज्यादा लोगों ने एक ही झटके में गंवाए 60 करोड़; जांच में जुटी पुलिस
निवेश के नाम पर हो रही ठगी से सावधान रहें! दिल्ली पुलिस की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस (आइएफएसओ) यूनिट के अनुसार पिछले तीन महीनों में निवेश के नाम पर ठगी के 46 मामले दर्ज किए गए हैं। इन पीड़ितों ने लालच में आकर 52 करोड़ रुपये गंवा दिए। जानिए कैसे साइबर ठग लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं और अपने पैसे बचाने के लिए क्या सावधानियां बरतें।

राकेश कुमार सिंह,नई दिल्ली। शेयर बाजार में निवेश के नाम पर सबसे अधिक ठगी की वारदातें हो रहीं हैं। राजधानी में रहने वाले लोग इन दिनों सबसे अधिक निवेश के नाम साइबर ठगों के चंगुल में फंस रहे हैं। दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस (आइएफएसओ) यूनिट के पिछले तीन माह के आंकड़े इस बात की तस्दीक करते हैं।
आइएफएसओ में तीन महीने में 46 केस निवेश के नाम पर ठगी के दर्ज हुए हैं। इन 46 पीड़ितों ने लालच में आकर 52 करोड़ रुपये गंवा दिए। यानी हर पीड़ित से एक-एक करोड़ से अधिक ठग लिए गए।
तीन माह में कुल 76 केस दर्ज
आईएफएसओ में 50 लाख व उससे अधिक की ठगी के मामले दर्ज होते हैं। निवेश के नाम पर बढ़ रही ठगी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि आइएफएसओ में तीन माह में कुल 76 केस दर्ज किए जिनमें 46 निवेश के नाम पर ठगी के हैं।
जानकारी के मुताबिक 15 जिलों के सभी 15 साइबर सेल थानों में भी सबसे अधिक निवेश के नाम पर ही ठगी के मामले दर्ज हो रहे हैं। इन थानों में हर माह माह अमूमन 90-100 केस निवेश के नाम पर हुई ठगी के दर्ज हो रहे हैं।
18 पीड़ितों से ठगे करीब 50 लाख
उत्तरी जिले के साइबर सेल थाने में तीन माह में 18 मामले निवेश के नाम पर ठगी के दर्ज हुए हैं। 18 पीड़ितों से करीब 50 लाख ठग लिए गए। साइबर सेल थाने में 50 लाख से कम की ठगी के मामले ही दर्ज होते हैं।
इन थानों के तीन माह के औसतन आंकडों को देखा जाए तो करीब 300 मामले निवेश के नाम पर ठगी के दर्ज हुए। 300 पीड़ितों से करीब आठ करोड़ की ठगी की गई।
पुलिस अधिकारी का कहना है कि निवेश के नाम पर हो रही ठगी के मामले में पीड़ितों का पैसा वापस मिल पाना बहुत मुश्किल होता है। क्योंकि मोटे मुनाफे के लालच में लोग कई महीने तक साइबर ठगों के चंगुल में फंसकर पैसे निवेश करते रहते हैं। जब तक उन्हें ठगे जाने का एहसास होता है कि तब तक उनके पैसे देश से बाहर जा चुके होते हैं।
विदेश में बैठकर वारदात
चीन, लाओस, कंबोडिया व म्यामार देशों से साइबर ठग भारत में लोगों को शिकार बना रहे हैं। उक्त देशों के साइबर अपराधी, भारतीय साइबर अपराधियों के जरिये वारदात को अंजाम दे रहे हैं। जिससे पुलिस पीड़ितों को पैसे वापस नहीं दिला पाती हैं।
फर्जी खाते में जमा कराते हैं रुपये
टेलीग्राम, फेसबुक व अन्य इंटरनेट मीडिया यूजर्स के पास आनलाइन ट्रेडिंग व शेयर बाजार में निवेश करने पर मोटा मुनाफा कमाने संबंधी विज्ञापन आता है, जो व्यक्ति विज्ञापन देखकर लालच में आकर निवेश करने की रूचि दिखाते हैं, उनके पास साइबर अपराधियों के कॉल आने शुरू हो जाते हैं।
झांसे में आने व्यक्तियों को वे लोग वॉट्सऐप अथवा टेलीग्राम ग्रुप में जोड़ उन्हें अपना ऐप डाउनलोड करवाकर व म्यूल (फर्ज़ी) बैंक खाता नंबर भेजकर उस पर पैसे निवेश करवाना शुरू कर देते हैं।
शक होने पर कर देते हैं ब्लॉक
निवेशकों को ऐप पर सब कुछ दिखाई देता है कि उन्होंने किस कंपनी के शेयर में कितना निवेश किया है, उन्हें कितना मुनाफा हुआ आदि। अगर कोई शुरू में छोटी रकम निकालना चाहता है उन्हें निकालने दे दिया जाता है। जिससे लालच में आकर लोग अधिक पैसे निवेश करना शुरू देते हैं।
बाद में जब वे पैसे निकालते की कोशिश करते हैं तब कोई न कोई बहाना बताकर उन्हें उलझा दिया जाता है। जब उन्हें ठगे जाने का एहसास होता है और वे शिकायत करने की बात करते हैं तब उन्हें ब्लॉक कर दिया जाता है। उनकी गाढ़ी कमाई लूट चुकी होती है।
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