दिल्ली में नालों की सफाई के मुद्दे पर AAP ने दिल्ली सरकार को घेरा, थर्ड पार्टी ऑडिट की बात पर भिड़ी भाजपा
आम आदमी पार्टी ने दिल्ली सरकार पर बरसाती नालों की सफाई के ऑडिट में कथित भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। आप ने एसीबी जांच की मांग की है वहीं भाजपा ने आप पर पलटवार करते हुए जलभराव के मुद्दे पर घेरा है। उच्च न्यायालय ने भी नालों की सफाई के थर्ड पार्टी ऑडिट का आदेश दिया था जिसका पालन न करने का आरोप आप ने सरकार पर लगाया है।

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। बरसाती नालों की सफाई का थर्ड पार्टी ऑडिट कराने का पिछले साल का विवादित मुद्दा उठाकर उठाकर आम आदमी पार्टी ने दिल्ली सरकार और भाजपा पर निशाना साधा है।
आम आदमी पार्टी ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को पत्र लिखकर मांग की है कि इस बात की जांच भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (ACB) से कराई जाए।
जिससे पता चल सके कि अफसरों ने पिछले साल नालों की सफाई का ऑडिट क्यों नहीं कराया? आप के प्रदेश अध्यक्ष साैरभ भारद्वाज ने कहा कि इस पर दिल्ली सरकार का कोई जवाब नहीं आया है।
उधर, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने पटलवार करते हुए कहा कि जिस तरह भाजपा सरकार ने जलभराव की समस्या को काबू कर तेजी से जल निकासी सुनिश्चित की है।
उन्होंने कहा है कि जनता अरविंद केजरीवाल सरकार की गत वर्ष की विफलता पर जवाब मांग रही है उससे आप नेता हड़बड़ाए हुए हैं।
आप ने कहा है कि दिल्ली उच्च न्यायालय का 8 अप्रैल 2024 का यह निर्देश है कि सरकार द्वारा बरसाती नालों की सफाई का एक स्वतंत्र एजेंसी द्वारा थर्ड पार्टी आडिट कराया जाए और उच्च न्यायालय का यह निर्देश दिल्ली सरकार पर बाध्य है।
आप ने कहा है कि क्या दिल्ली सरकार ने उच्च न्यायालय के आदेश अनुसार नालों की सफाई कार्य का थर्ड पार्टी ऑडिट कराया है ? आप ने कहा है कि उच्च न्यायालय ने भी इस बात को माना है कि नालों के सफाई कार्य में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार होता है।
वहीं, दिल्ली भाजपा अध्यक्ष सचदेवा ने आप पर हमला करते हुए कहा है कि विगत 10 साल में अरविंद केजरीवाल सरकार के समय दिल्ली जलबोर्ड एवं लोक निर्माण विभाग लूट का अड्डा बन गये थे।
नालों की सफाई पर कमाई का खेल चल रहा चल रहा था जिसके चलते 2018 में एक नागरिक संगठन ने दिल्ली उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की।
सचदेवा ने कहा कि केजरीवाल सरकार ने इस याचिका को लंबे समय तक टाला और 2024 में न्यायालय ने ऑडिट का आदेश दिया तो आप सरकार ने नालों की सफाई करवाने की जिम्मेदारी खुद पर नहीं ली, उल्टा अधिकारियों पर आक्षेप लगाने का माध्यम बना लिया।
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