Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मंत्री कपिल मिश्रा का मांग रहे थे इस्तीफा, AAP विधायकों को दिल्ली विधानसभा से किया गया निलंबित

    By Agency Edited By: Rajesh Kumar
    Updated: Wed, 02 Apr 2025 04:22 PM (IST)

    नवगठित आठवीं विधानसभा के पहले बजट सत्र के अंतिम दिन दिल्ली के कानून एवं न्याय मंत्री कपिल मिश्रा के इस्तीफे की मांग को लेकर आप विधायकों ने प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन एक दिन पहले एक अदालत द्वारा 2020 के दिल्ली दंगों में कथित भूमिका को लेकर मिश्रा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए जाने के बाद शुरू हुआ।

    Hero Image
    न्याय मंत्री कपिल मिश्रा के इस्तीफे की मांग को लेकर आप विधायकों ने प्रदर्शन किया। जागरण

    पीटीआई, नई दिल्ली। नवगठित आठवीं विधानसभा के पहले बजट सत्र के अंतिम दिन दिल्ली के कानून एवं न्याय मंत्री कपिल मिश्रा के इस्तीफे की मांग को लेकर आप विधायकों ने प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन एक दिन पहले एक अदालत द्वारा 2020 के दिल्ली दंगों में कथित भूमिका को लेकर मिश्रा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए जाने के बाद शुरू हुआ।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    AAP विधायकों को किया गया निलंबित

    हाथों में तख्तियां लेकर और नारे लगाते हुए आप विधायक सदन के वेल में आ गए, जिसके बाद स्पीकर विजेंद्र गुप्ता ने कम से कम सात विधायकों-कुलदीप कुमार, संजीव झा, मुकेश अहलावत, सुरेंद्र कुमार, जरनैल सिंह, आले मोहम्मद और अनिल झा को निलंबित कर दिया।

    विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रही विपक्ष की नेता आतिशी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर मिश्रा को बचाने का आरोप लगाया। उन्होंने पीटीआई वीडियो से कहा, "दंगों के सभी आरोपी जेल में हैं। कपिल मिश्रा सलाखों के पीछे क्यों नहीं हैं? हम उनके इस्तीफे की मांग कर रहे हैं, लेकिन भाजपा उन्हें बचा रही है।"

    स्पीकर गुप्ता का बयान

    स्पीकर गुप्ता ने विधानसभा सचिव को यह सत्यापित करने का निर्देश दिया कि क्या निलंबित विधायक परिसर के भीतर रहे और निलंबन आदेश के बावजूद अपना विरोध जारी रखा। 3 मार्च को आठवीं विधानसभा के पहले सत्र के दौरान स्पीकर गुप्ता ने फैसला सुनाया कि कोई भी विधायक जिसे निलंबित किया जाता है या बाहर निकाला जाता है, उसे विधानसभा परिसर पूरी तरह से खाली करना होगा।

    यह फैसला इस विवाद के जवाब में आया है कि क्या निलंबित विधायक विधानसभा परिसर के कुछ क्षेत्रों, जैसे लॉन और विपक्ष के नेता के कार्यालय में रह सकते हैं। यह विरोध मंगलवार को अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट वैभव चौरसिया द्वारा दिए गए एक अदालती फैसले के बाद हुआ है, जिसमें मिश्रा के खिलाफ जांच के लिए “प्रथम दृष्टया” मामला पाया गया था।

    अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश

    अदालत ने दिल्ली पुलिस को 16 अप्रैल तक अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया। कानूनी कार्यवाही यमुना विहार निवासी मोहम्मद इलियास की शिकायत से शुरू हुई, जिन्होंने 24 फरवरी, 2020 को उत्तर-पूर्वी दिल्ली में भड़की सांप्रदायिक हिंसा में मिश्रा की संलिप्तता का आरोप लगाया था, जिसमें 53 लोग मारे गए थे और कई घायल हुए थे।

    हालांकि, दिल्ली पुलिस ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि मिश्रा की दंगों में कोई भूमिका नहीं थी और उन पर दोष मढ़ने का प्रयास किया जा रहा है।

    यह भी पढ़ें: Naresh Balyan Case: पूर्व विधायक नरेश बाल्यान को कब मिलेगी जमानत? दिल्ली HC इस दिन करेगी सुनवाई