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    Delhi Mayor Election: सुप्रीम कोर्ट की चौखट पर पहुंचा दिल्ली मेयर चुनाव का मामला, AAP ने दाखिल की याचिका

    By AgencyEdited By: Abhishek Tiwari
    Updated: Thu, 26 Jan 2023 03:09 PM (IST)

    Delhi Mayor Election दिल्ली नगर निगम चुनाव के बाद अब सबकी निगाहें एमसीडी मेयर चुनाव पर टिकी हैं। ताजा मामले में आम आदमी पार्टी(आप) मेयर पद की प्रत्याशी शैली ओबेरॉय ने आज यानी गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की है। (Image- OberoiShelly)

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    Delhi Mayor Election: AAP की मेयर उम्मीदवार शैली ओबेरॉय पहुंचीं सुप्रीम कोर्ट

    नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। Delhi Mayor Election: दिल्ली नगर निगम चुनाव के बाद अब सबकी निगाहें एमसीडी मेयर चुनाव पर टिकी हैं। ताजा मामले में आम आदमी पार्टी की मेयर पद की उम्मीदवार डॉ शैली ओबेरॉय ने आज गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और मेयर चुनाव समय पर कराने की मांग की है।

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    इस याचिका पर शीर्ष अदालत शुक्रवार को सुनवाई कर सकती है। बता दें कि आम आदमी पार्टी ने दिल्ली के मेयर और डिप्टी मेयर पद के उम्मीदवारों के नामों की घोषणा पिछले साल दिसंबर महीने में की थी।

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    गौरतलब है कि मंगलवार को पार्षदों के शपथ ग्रहण और महापौर व उपमहापौर के चुनाव के लिए बुलाई गई दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) सदन की बैठक फिर हंगामे की भेंट चढ़ गई। दूसरी बार निगम सदन की बैठक में महापौर का चुनाव नहीं हो पाया। हंगामे के कारण बैठक अगली तिथि तक के लिए स्थगित हो गई। इससे आक्रोशित आम आदमी पार्टी (आप) के पार्षदों ने देर शाम तक सदन में बैठकर इसका विरोध किया, तो भाजपा पार्षदों ने सदन के बाहर आप पर हंगामा करने का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया था।

    जमकर हुआ था हंगामा

    बैठक में महापौर का निर्वाचन न होने से निगम में संवैधानिक संकट उत्पन्न हो गया था। पहली बार ऐसे हालात बने हैं कि पार्षदों की शपथ तो हो गई, लेकिन महापौर व उपमहापौर का निर्वाचन नहीं हो पाया। निगमों के एकीकरण के बाद से विशेष अधिकारी महापौर और स्थायी समिति के अध्यक्ष की शक्तियों का उपयोग कर रहे थे और उनकी नियुक्ति सदन की पहली बैठक (इससे पहले छह जनवरी को हंगामे के कारण नहीं हो पाई थी बैठक) होने तक के लिए ही थी।

    पहले मनोनीत सदस्यों की शपथ पर आपत्ति

    एमसीडी मुख्यालय में मंगलवार को सदन की बैठक वहीं से शुरू हुई, जहां छह जनवरी को हंगामे के कारण रुक गई थी। बैठक शुरू होते ही पीठासीन अधिकारी सत्या शर्मा ने पहले मनोनीत सदस्यों को शपथ के लिए बुलाया, तो आप पार्षद दल के नेता मुकेश गोयल ने आपत्ति जताते हुए निगम एजेंडे में तय कार्यसूची के अनुसार निर्वाचित पार्षदों का शपथ ग्रहण पहले कराने की मांग की थी। लेकिन, उनके पीठासीन अधिकारी ने यह कहते हुए उनके विरोध को दरकिनार कर दिया कि यह उनके विवेक पर निर्भर करता है कि पहले किसकी शपथ कराएं।

    उन्होंने दोहराया कि मनोनीत सदस्यों की शपथ पहले होगी और ऐसा ही हुआ भी। उसके बाद निर्वाचित पार्षदों की शपथ भी शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुई। आखिरी के चार-पांच पार्षदों की शपथ से पूर्व पार्षदों की नारेबाजी से निगम सदन में हंगामे के हालात बनने लगे।

    नारेबाजी के बाद भिड़े थे आप और भाजपा के पार्षद

    निर्वाचित पार्षदों की शपथ के बाद पीठासीन अधिकारी ने महापौर और उपमहापौर के चुनाव की तैयारी कराने के लिए बैठक स्थगित की, तो उसी दौरान भाजपा पार्षदों ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। इस दौरान आप पार्षद शांति से बैठे रहे।

    ऐसे में जब सदन की बैठक दुबारा शुरू हुई, तो मुकेश गोयल ने वोटिंग का अधिकार न होने के कारण मनोनीत सदस्यों को सदन से बाहर करने की मांग की। इसके बाद बैठक फिर स्थगित कर दी गई। इस बीच, आप पार्षद प्रवीण कुमार निगम सचिव के पास कुछ बात करने पहुंचे, जिसका भाजपा पार्षदों ने विरोध किया। इस पर भाजपा पार्षद गजेंद्र दराल और आप पार्षदों में तकरार शुरू हो गई। बैठक पुन: शुरू हुई, लेकिन तत्काल बाद पीठासीन अधिकारी सत्या शर्मा ने सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी।