केजरीवाल की 'नई सौगात' का दिल्ली के बजट पर कितना असर? 2100 वाली योजना का पूरा गणित
मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना से प्रति वर्ष राज्य सरकार पर 10 हजार करोड़ का अतिरिक्त बोझ बढ़ेगा। दरअसल पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली की हर महिला को प्रति माह 2100 रुपये देने का एलान किया। अगर दिल्ली की 38 लाख महिलाओं को 2100 रुपये हर माह दिए जाएंगे तो सरकार के बजट पर बहुत ज्यादा बोझ बढ़ जाएगा। आगे विस्तार से पढ़िए पूरी खबर।

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना से प्रति वर्ष राज्य सरकार पर करीब 10 हजार करोड़ का अतिरिक्त बोझ बढ़ेगा। वित्त विभाग के आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि दिल्ली कैबिनेट में अभी महिलाओं को प्रति माह एक हजार रुपये सम्मान राशि देने का प्रस्ताव पास हुआ है।
अधिकारी के अनुसार अगर दिल्ली की 38 लाख संभावित महिलाएं इस योजना का लाभ ले पाती हैं तो सरकार के सालाना 4,560 करोड़ रुपये खर्च होंगे। अगर इस राशि को एक हजार से बढ़ाकर 2100 प्रति महिला प्रति माह किया जाता है तो यह राशि करीब 10 हजार करोड़ के करीब बैठेगी।
खर्च बढ़कर कुल बजट का 30 प्रतिशत तक हो जाएगा
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि अभी दिल्ली सरकार की विभिन्न सब्सिडी योजनाओं पर लगभग 11 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं, जो कुल राजस्व बजट का लगभग 14.15 प्रतिशत है। वित्त विभाग का मानना है कि अगर मुख्यमंत्री सम्मान योजना लागू की जाती है, तो ऐसे में सब्सिडी वाली योजनाओं पर खर्च बढ़कर कुल बजट का 30 प्रतिशत तक हो जाएगा, जिससे दिल्ली की वित्तीय स्थिति पर अतिरिक्त बोझ बढ़ेगा।
यहां तक कि इसके लिए राज्य सरकार को ऊंची ब्याज दर पर ऋण भी लेना पड़ सकता है, जिससे अगले वित्त वर्ष में राज्य सरकार को भारी राजकोषीय घाटे का सामना करना पड़ सकता है।
सहायता में कुछ कटौती भी कर सकती है
बता दें कि मुख्यमंत्री महिला सम्मान निधि योजना को लेकर वित्त विभाग पहले ही आपत्ति जता चुका है। मुख्यमंत्री आतिशी को भेजे एक नोट में वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सरकार को इस बात से भी अवगत करा चुके हैं कि अगर राजस्व घाटे का सामना करना पड़ा, तो केंद्र सरकार अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करके राज्य सरकार को दी गई वित्तीय शक्तियों और सहायता में कुछ कटौती भी कर सकती है।
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वित्त विभाग ने कहा है कि सरकार पहले ही दिल्ली जल बोर्ड के राजस्व घाटे को पूरा करने के लिए उसे अनुदान देने का वादा कर चुकी है, जिसके लिए अगले वित्त वर्ष में 2,500 करोड़ रुपये की जरूरत पड़ेगी। ऐसे में महिला सम्मान निधि योजना पर खर्च के साथ अगले वित्त वर्ष में लगभग 7,000 करोड़ रुपये की नई राजस्व देनदारी बनेगी।
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उनके अनुसार टैक्स और नान टैक्स रेवेन्यू में बढ़ोतरी का जो अनुमान है, वह भी राजस्व व्यय की इस बढ़ोतरी को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं होगा, जिससे अगले वित्त वर्ष में वित्तिय असंतुलन बढ़ने की पूरी संभावना है।
मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना प्रस्ताव की मुख्य बातें
- पात्र महिला लाभार्थियों को 1000 रुपये प्रति माह मिलेंगे
- लगभग 38 लाख महिलाएं इस योजना के लिए पात्र हो सकती हैं
- याेजना के लिए प्रति वर्ष 4560 करोड़ रुपये के वार्षिक बजट खर्च होगा
- योजना का लाभ 18 वर्ष से अधिक आयु की महिलाएं ले सकेंगीं।
- महिला का वैध मतदाता पहचान पत्र के साथ दिल्ली का निवासी होना अनिवार्य
इन्हें नहीं मिलेगा याेजना का लाभ
- भूतपूर्व या वर्तमान स्थायी सरकारी कर्मचारी
- केंद्र सरकार, राज्य सरकार या स्थानीय निकायों में कार्यरत कर्मचारी
- वर्तमान या पूर्व निर्वाचित महिला जनप्रतिनिधि सांसद, विधायक या पार्षद
- कोई भी महिला जो आयकर भर रही हैं
- किसी तरह की सरकारी पेंशन वाले वाले लोग
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