Delhi Pollution: ...तो दिल्ली में 65 प्रतिशत प्रदूषण की यह है वजह, इसमें सुधार के क्या-क्या हैं विकल्प
टेरी की महानिदेशक डॉ. विभा धवन का कहना है कि हर साल 65 प्रतिशत प्रदूषण दिल्ली के बाहर स्थित स्रोतों से आता है जो मुख्य रूप से पड़ोसी राज्यों हरियाणा पंजाब उत्तर प्रदेश और राजस्थान से होता है। इससे निपटने के लिए एक क्षेत्रीय दृष्टिकोण की आवश्यकता है। उन्होंने यह भी कहा कि डीजल का उपयोग निर्माण गतिविधियों को प्रतिबंधित करना प्रदूषणकारी उद्योगों पर प्रतिबंध लगाना अल्पकालिक उपाय हैं।

संजीव गुप्ता, नई दिल्ली। Pollution in Delhi: द एनर्जी एंड रिसोर्स इंस्टीट्यूट (टेरी) की महानिदेशक डॉ. विभा धवन का कहना है कि हर साल 65 प्रतिशत प्रदूषण दिल्ली के बाहर स्थित स्रोतों से आता है, जो मुख्य रूप से पड़ोसी राज्यों हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश और राजस्थान से होता है। इससे निपटने के लिए एक क्षेत्रीय दृष्टिकोण की आवश्यकता है।
उन्होंने यह भी कहा कि डीजल का उपयोग, निर्माण गतिविधियों को प्रतिबंधित करना, प्रदूषणकारी उद्योगों पर प्रतिबंध लगाना अल्पकालिक उपाय हैं। हरित ऊर्जा (सौर उद्योग आदि) का उपयोग करके दीर्घकालिक सुधार लाए जा सकते हैं।

टेरी की महानिदेशक ने जागरण से बातचीत में साफगोई से रखी अपनी बात
क्या-क्या हैंउपाय
जागरण से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि ग्रीनहाउस गैसों को कैप्चर करना एक संभव दृष्टिकोण है। इसी तरह निर्माण स्थलों पर यह सुनिश्चित करने के लिए सख्त मानकों की जरूरत है कि धूल वहीं पर बैठ जाए। अधिक पेड़ लगाने और डीजल जनरेटर से गैस जनरेटर में शिफ्ट करने से और भी कमी आएगी।
यदि सफल होता है तो यह सुधार गर्मियों के दौरान भी वायु गुणवत्ता पर बेहतर प्रभाव डालेगा। डॉ. धवन के मुताबिक इस संदर्भ में बनाई जाने वाली योजनाओं की व्यापक पहुंच और प्रसार की भी आवश्यकता है। योजनाओं को सरल रूपों और प्रारूपों में जनता तक पहुंचाना चाहिए।
वाहनों की बढ़ती संख्या...
वाहनों की बढ़ती संख्या के कारण बेहतर सार्वजनिक परिवहन के लिए नीति और बुनियादी ढांचे के विकास की भी खासी आवश्यकता है। हाइब्रिड/इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग समय की मांग है।
दिल्ली सरकार ने कई कदम उठाए
डॉ. धवन ने यह भी कहा कि दिल्ली सरकार ने शहर में वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए कई सराहनीय कदम उठाए हैं। इन कदमों में सर्दियों के मौसम में निर्माण गतिविधियों पर प्रतिबंध, स्वच्छ निर्माण दिशा निर्देशों का क्रियान्वयन, कचरा संग्रहण में सुधार, 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों पर प्रतिबंध शामिल हैं।
हालांकि, इन नीतियों के मजबूत क्रियान्वयन, शहर में सड़कों के बुनियादी ढांचे के रखरखाव और दीवार-से-दीवार पक्कीकरण की आवश्यकता है ताकि धूल उड़ने को और कम किया जा सके।
ये भी पढ़ें- दिल्ली में भीषण गर्मी और लू का ऑरेंज अलर्ट, पिछले 10 वर्षों में सबसे ज्यादा तप रहा जून; कब मिलेगी राहत

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।