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    26/11 आतंकी हमला: NIA ने कहा- तहव्वुर राणा ने डेविड हेडली की मदद के लिए मुंबई में खोला था फर्जी ऑफिस

    Updated: Wed, 23 Jul 2025 09:49 PM (IST)

    राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने 26/11 मुंबई हमले के आरोपित तहव्वुर हुसैन राणा के खिलाफ एक पूरक आरोपपत्र दायर किया है। राणा पर लश्कर-ए-तैयबा के डेविड हेडली की रेकी में मदद करने का आरोप है। राणा ने हेडली के लिए मुंबई में एक फर्जी ऑफिस बनाया जिसका इस्तेमाल संवेदनशील ठिकानों की जासूसी के लिए किया गया। राणा को अमेरिका से प्रत्यर्पित कर भारत लाया गया है।

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    तहव्वुर राणा के खिलाफ एनआईए ने पूरक आरोपपत्र किया दायर।

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। पटियाला हाउस स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश की अदालत में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने 26/11 मुंबई आतंकी हमले से जुड़ी सुनवाई में आरोपित तहव्वुर हुसैन राणा के खिलाफ एक पूरक आरोपपत्र दाखिल किया है।

    आरोपपत्र में कहा गया है कि पाकिस्तानी मूल के कनाडाई नागरिक राणा ने लश्कर ए तैयबा से जुड़े आतंकी डेविड कोलमैन हेडली की रेकी गतिविधियों को आसान बनाने के लिए मुंबई में एक फर्जी कारपोरेट फ्रंट स्थापित किया था।

    एनआईए के आरोपपत्र के मुताबिक, राणा ने मुंबई में इमिग्रेंट लाॅ सेंटर नाम का एक ऑफिस खोला, जो असल में कोई कारोबारी गतिविधि नहीं करता था। यह ऑफिस करीब दो साल तक चालू रहा और सिर्फ हेडली की खुफिया गतिविधियों को अंजाम देने के लिए इस्तेमाल किया गया।

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    यह ऑफिस केवल हेडली को मुंबई के अहम ठिकानों की जासूसी करने में सहायता देने के लिए बनाया गया था। हेडली ने इसी की आड़ में संवेदनशील स्थानों की रेकी की थी। जिन पर बाद में 26/11 के हमलों में निशाना साधा गया। इस आतंकी हमले में 170 से अधिक लोग मारे गए थे।

    आरोपपत्र में दावा किया गया है कि यह साजिश 2005 के आसपास शुरू हुई थी और इसमें पाकिस्तान स्थित कई अन्य साजिशकर्ता भी शामिल थे। इनका मकसद भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ना और देश की संप्रभुता को अस्थिर करना था।

    एनआईए ने राणा पर भारतीय दंड संहिता (आइपीसी) की धारा 120बी (षड्यंत्र), 121 (भारत के विरुद्ध युद्ध छेड़ना), 302 (हत्या), 468 और 471 (धोखाधड़ी से संबंधित फर्जी दस्तावेज) के अलावा यूएपीए की धारा 16 और 18 के तहत गंभीर आरोप लगाए हैं।

    राणा को अमेरिका से प्रत्यर्पित कर अप्रैल 2025 में दिल्ली लाया गया था, जहां उसे एनआईए कोर्ट के जारी गैर-जमानती वारंट के तहत हिरासत में लिया गया।

    एनआईए का कहना है कि पूछताछ के दौरान राणा ने कई अहम जानकारियां दी हैं, जिनके आधार पर आगे की जांच जारी है। जांच एजेंसी ने अमेरिका से कानूनी सहायता के लिए अनुरोध भेजा है ताकि सुबूतों की पुष्टि हो सके और आतंकी नेटवर्क के अन्य तार भी उजागर किए जा सकें।

    एनआईए ने कहा है कि जांच अब भी जारी है और अंतरराष्ट्रीय सहयोग से इस वैश्विक आतंकी साजिश के और पहलुओं को उजागर करने की कोशिश की जा रही है। एनआईए के अनुसार, आने वाले दिनों में और भी आरोपपत्र दाखिल किए जा सकते हैं।

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