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    2012 Delhi Nirbhaya Case: फांसी से बचाने के लिए दोषी विनय के वकील ने चला बड़ा दांव

    By JP YadavEdited By:
    Updated: Wed, 19 Feb 2020 01:15 AM (IST)

    2012 Delhi Nirbhaya Case दोषी विनय कुमार शर्मा के वकील एपी सिंह (AP Singh) ने कोर्ट में दावा किया है कि तिहाड़ जेल में उस पर हमला हुआ है और उसके सिर ...और पढ़ें

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    2012 Delhi Nirbhaya Case: फांसी से बचाने के लिए दोषी विनय के वकील ने चला बड़ा दांव

    नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। 2012 Delhi Nirbhaya Case: 16 दिसंबर, 2012 को निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के मामले में चारों दोषियों के खिलाफ दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने तीसरी बार डेथ वारंट जारी किया है। इसके मुताबिक, आगामी 3 मार्च को सुबह 6 बजे चारों दोषयों (विनय कुमार शर्मा, पवन कुमार गुप्ता, अक्षय सिंह ठाकुर और मुकेश सिंह) को फांसी दी जाएगी। वहीं, चारों दोषियों ने डेथ वारंट जारी होने के साथ ही फांसी से बचने के लिए नए-नए पैंतरे आजमाने शुरू कर दिए हैं। इसी कड़ी में एक दोषी विनय कुमार शर्मा के वकील एपी सिंह (AP Singh) ने कोर्ट में दावा किया है कि तिहाड़ जेल में उस पर हमला हुआ है और उसके सिर में चोट आई है। वह कुछ दिन भूख हड़ताल पर भी रहा है। इतना ही नहीं, वह मानसिक बीमारी से भी गुजर रहा है। ऐसे में नियमानुसार उसे फांसी नहीं दी जा सकती है। सुनवाई के दौरान वकील एपी सिंह के इस दावे पर कोर्ट ने तिहाड़ जेल प्रशासन से विनय पर खास ध्यान देने के लिए कहा है।

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    बता दें कि इससे पहले कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान एपी सिंह ने वकील ने एक दोषी के साथ यौन शोषण का आरोप लगाया था। वकील ने दावा किया था कि दोषी के साथ जेल में यौन शोषण हुआ और उसके साथी को ही ऐसा करने के लिए मजबूर किया गया।

    जेल में बढ़ी सुरक्षा

    वहीं, डेथ वारंट जारी होने के बाद जेल संख्या तीन की सुरक्षा बढ़ा दी है। जेल प्रशासन के आदेश पर ही बाहरी व्यक्ति को अंदर आने दिया जा रहा है। यदि कोई व्यक्ति जेल संख्या तीन जाने की बात कहता है तो सुरक्षाकर्मी इसकी जानकारी तुरंत मुख्यालय को देता है। साथ ही उस व्यक्ति से की गई बात का ब्योरा भी देता है। इसके बाद मुख्यालय व जेल संख्या तीन के अधिकारियों से अनुमति मिलने के बाद ही किसी को प्रवेश दिया जा रहा है।

    तीन मार्च को फांसी होने के आसार कम

    निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के दोषियों के खिलाफ भले ही डेथ वारंट जारी हो गया है, लेकिन तीन मार्च को फांसी होने के आसार कम ही हैं। क्योंकि अभी तक दोषी पवन ने क्यूरेटिव पिटिशन दायर नहीं की है। इसके बाद पवन के पास दया याचिका का भी विकल्प है। वहीं दोषी अक्षय नए सिरे से दया याचिका दायर करने जा रहा है, क्योंकि पहले उसने अधूरे तथ्यों के साथ दया याचिका दायर कर दी थी।

    फांसी के मद्देनजर तीन दिन पहले बुलाया जाएगा जल्लाद

    तिहाड़ जेल प्रशासन के मुताबिक, 3 मार्च को फांसी के मद्देजनर 29 फरवरी को मेरठ से जल्लाद पवन को बुला लिया जाएगा। पहले की तरह ही उसे तिहाड़ जेल में ही रखा जाएगा और वह कैंपस में बनी कैंटीन में ही खाना खाएगा।

    तीन दिन में फांसी की होगी अंतिम तैयारी

    पवन जल्लाद के मुताबिक, वह किसी भी फांसी को मात्र दिन की तैयारी में अंजाम दे सकता है। इससे पहले एक फरवरी को फांसी के मद्देनजर पवन मेरठ से दिल्ली की तिहाड़ जेल पहुंचा था, लेकिन फांसी टलने के चलते वह वापस लौट गया था। बताया जा रहा है कि पवन से कहा गया है कि आगामी फांसी की तारीख से तीन दिन पहले उसे मेरठ से तिहाड़ जेल बुलाया जाएगा।

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