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    Delhi News: कनॉट प्लेस में पुलिस और SDM ने की बड़ी कार्रवाई, 18 बच्चों को कराया मुक्त

    By Jagran NewsEdited By: Monu Kumar Jha
    Updated: Thu, 03 Apr 2025 08:27 PM (IST)

    नई दिल्ली के कनॉट प्लेस इलाके से 18 नाबालिग बच्चों को भीख मांगने से मुक्त कराया गया है। एसडीएम ओमप्रकाश पांडे और सलाम बालक ट्रस्ट के सहयोग से पुलिस ने यह विशेष अभियान चलाया। मुक्त कराए गए बच्चों को तीन अलग-अलग शेल्टर होम में भेजा गया है जहां उन्हें बेहतर सुविधाएं और शिक्षा दी जाएगी। लेख में पढ़िए पूरी खबर।

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    नई दिल्ली एसडीएम और पुलिस ने ट्रैफिक लाइट पर भीख मांगने वाले 18 नाबालिगों का किया रेस्क्यू। फाइल फोटो

    लोकेश शर्मा, नई दिल्ली। मजबूरी और हालात कई बार बच्चों के उज्जवल भविष्य को अंधकार में धकेल देते हैं। कुछ ऐसा ही सड़क पर भीख मांगने वाले बच्चों के साथ हो रहा था। नई दिल्ली जिले की कनॉट प्लेस थाना पुलिस ने एसडीएम ओमप्रकाश पांडे और सलाम बालक ट्रस्ट के साथ मिलकर गुरुवार को एक विशेष अभियान चलाया, जिसके तहत कुल 18 भीख मांगने वाले नाबालिग बच्चों को मुक्त कराया गया।

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    मुक्त कराए गए सभी बच्चे नाबालिग हैं, जिनकी उम्र 5 से 15 वर्ष के बीच है। इनमें 10 लड़के और 8 लड़कियां शामिल हैं। इन सभी को तीन अलग-अलग शेल्टर होम में भेजा गया है।

    लड़कों को कनाट प्लेस स्थित बाल सहयोग आश्रय गृह और लड़कियों को दिलशाद गार्डन स्थित संस्कार आश्रय गृह तथा सरिता विहार स्थित वेलफेयर होम में भेजा गया है, जहां उन्हें बेहतर सुविधाएं और शिक्षा दी जाएगी।

    कुछ बच्चे थे नशे के आदी

    मुक्त कराए गए बच्चों में से कुछ नशे के आदी थे, जिन्हें यह भी पता नहीं था कि वे कहां जा रहे हैं। वहीं, कुछ बच्चे पढ़ाई करना चाहते थे, लेकिन पारिवारिक स्थिति खराब होने के कारण उन्हें भीख मांगनी पड़ती थी। कुछ बच्चों के माता-पिता ने भी माना कि उनका भविष्य सड़क पर खराब हो रहा है।

    वह खुद चाहते थे कि उनका बच्चा पढ़ाई करने के लिए फुटपाथ से अच्छी जगह चला जाए। एक नाबालिग बच्चे ने बताया कि वह फुटपाथ पर रहता है और उसके माता-पिता उसे जबरदस्ती भीख मांगने के लिए भेजते हैं। जब वह मना करता है तो उसे मारा-पीटा जाता है।

    हमने देखा कि ये बच्चे मजबूरी में भीख मांग रहे हैं, इसलिए दिल्ली पुलिस के साथ मिलकर इन्हें मुक्त कराया गया। बच्चों को तब तक शेल्टर होम में रखा जाएगा, जब तक उनके माता-पिता उन्हें अच्छी शिक्षा देने में सक्षम नहीं होते। हमारा लक्ष्य है कि इन बच्चों का भविष्य सुरक्षित और उज्जवल बनाया जाए।- ओमप्रकाश पांडे, एसडीएम

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