Move to Jagran APP

दिल्ली में बनेगा अंतिम हिंदू सम्राट पृथ्वीराज चौहान का संग्रहालय, एएसआइ ने शुरू की तैयारी

डीडीए ने 2002 में इस पार्क को विकसित कर के एएसआइ को सौंप दिया था। तब से यह एएसआइ के पास है। पूर्व केंद्रीय मंत्री जगमोहन अपनी पुस्तक में लिखते हैं कि जब पृथ्वीराज चौहान राजा बने तो उन्होंने लाल कोट का विस्तार करते हुए एक विशाल किला बनवाया।

By Mangal YadavEdited By: Published: Sun, 15 Nov 2020 10:40 AM (IST)Updated: Sun, 15 Nov 2020 10:40 AM (IST)
दिल्ली में बनेगा अंतिम हिंदू सम्राट पृथ्वीराज चौहान का संग्रहालय, एएसआइ ने शुरू की तैयारी
डीडीए ने 2002 में इस पार्क को विकसित कर के एएसआइ को सौंप दिया था।

नई दिल्ली [वीके शुक्ला]। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) अंतिम हिंदू सम्राट पृथ्वीराज चौहान से संबंधित संग्रहालय बनाएगा। इसे किला राय पिथौरा में बनाया जाएगा। इसके लिए योजना बन चुकी है। इस किले में पहले से बनी इमारत का विस्तार किया जाएगा। इमारत के तैयार होने के बाद इसमें संग्रहालय स्थापित होगा जो मुख्यरूप से पृथ्वीराज चौहान को समर्पित होगा। एएसआइ ने अपने अधिकारियों से कहा है कि जहां जहां भी चौहान से संबंधित दस्तावेज और पुरावशेष उपलब्ध हैं उन्हें एकत्रित करें और इस संग्रहालय के लिए उपलब्ध कराएं। माना जा रहा है आने वाले एक साल के अंदर संग्रहालय स्थापित हाे सकेगा।

loksabha election banner

बता दें कि जगमोहन के केंद्रीय शहरी विकास मंत्री के कार्यकाल में किला राय पिथौरा का कायाकल्प किया गया था। इससे यह उपेक्षित टीले की तरह था। इसके आसपास रहने वाले झुग्गी वासियों के चलते गंदगी रहती थी। जगमोहन ने अपने प्रयासों से दिल्ली विकास प्राधिकरण को सक्रिय करके विकास योजनाओं को बनवाकर इसके संरक्षण और विकास कार्य को क्रियांवित किया। उस समय टीले का छोटा हिस्सा ही संरक्षित था। जगमोहन के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री बनने पर इस पूरे टीले को संरक्षित करने के साथ इसकी विस्तृत खुदाई का प्रबंध भी किया गया।

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने इसका संरक्षण कराया। उसी समय यहां संरक्षण केंद्र भवन बनाया गया। इसके ऊपर पृथ्वीराज चौहान की एक भव्य मूर्ति स्थापित की गई। मगर संरक्षण केंद्र भवन को अब विस्तार किया जा रहा है। प्रदूषण के चलते निर्माण पर लगी रोक के बाद इसे विस्तार देने के लिए तेजी से काम शुरू होगा। इस केंद्र में पृथ्वीराज चौहान को लेकर एक बड़े संग्रहालय को बनाने की योजना है। इस संरक्षण केंद्र के चारों ओर सुंदर हरा भरा पार्क विकसित किया गया है।

डीडीए ने 2002 में इस पार्क को विकसित कर के एएसआइ को सौंप दिया था। तब से यह एएसआइ के पास है। पूर्व केंद्रीय मंत्री जगमोहन अपनी पुस्तक में लिखते हैं कि जब पृथ्वीराज चौहान राजा बने तो उन्होंने लाल कोट का विस्तार करते हुए एक विशाल किला बनवाया। वास्तविकता में लाल कोट किला राय पिथौरा पहली दिल्ली है। तोमरों और चौहान ने लाल कोट के भीतर अनेक मंदिरों का निर्माण किया जिसे मुसलमानों ने गिरा दिया और उनके पत्थरों का मुख्यत: कुव्वतुल इस्लाम मस्जिद के लिए पुन: इस्तेमाल किया गया। अमीर खुसरों ने भी अनंगपाल के महल का वर्णन किया है। बताया जाता है कि कुतुबुद्दीन तथा इल्तुतमिश ने राय पिथौरा के दुर्ग को ही अपना आवास बनाया था।

किला राय पिथौरा को दिल्ली के सात शहरों में प्रथम होने का गौरव हासिल है, जिसका निर्माण 1180-1186 के बीच में हुआ। इसका संबंध महान राजपूत शासक पृथ्वीराज चौहान से है। जिनकी वीरता की कहानियों के बारे में आज भी लोग गौरवांवित महसूस करते हैं। उल्लेखनीय है कि पृथ्वीराज चौहान ने अंतिम हिंदू सम्राट के रूप में दिल्ली में सुदृढ़ केंद्रीय सत्ता की स्थापना की। जो मुसलमानों के विरुद्ध प्रतिरोध की कहानियों के लोकप्रिय नायक रहे हैं। लाल कोट का विस्तार उन्होंने आसपास पत्थरों की विशाल प्राचीरें और द्वार बनाकर किया। यह दिल्ली का प्रथम नगर किला राय पिथौरा के नाम से विख्यात है। राय पिथौरा की दिल्ली के बारह दरवाजे थे। मुख्यरूप से प्रेस एंक्लेव रोड पर राय पिथौरा के किले के अवशेष आज भी देखे जा सकते हैं।

Coronavirus: निश्चिंत रहें पूरी तरह सुरक्षित है आपका अखबार, पढ़ें- विशेषज्ञों की राय व देखें- वीडियो


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.