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    मुनक नहर एलिवेटेड रोड अब कश्मीरी गेट तक, PWD बनाएगा 4 KM लंबी सुरंग; सुगम होगा दिल्ली-हरियाणा का सफर

    Updated: Sat, 01 Nov 2025 09:17 PM (IST)

    दिल्ली-हरियाणा के यात्रियों के लिए खुशखबरी! मुनक नहर एलिवेटेड रोड अब कश्मीरी गेट तक बनेगा। लोक निर्माण विभाग (PWD) 4 किलोमीटर लंबी सुरंग का निर्माण करेगा। इससे दिल्ली और हरियाणा के बीच का सफर सुगम होगा और ट्रैफिक की समस्या कम होगी। PWD का लक्ष्य है कि परियोजना जल्द पूरी हो।

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    PWD delhi

    राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) प्रस्तावित मुनक नहर एलिवेटेड रोड को कश्मीरी गेट तक बढ़ाएगा। इस योजना के तहत दिल्ली-हरियाणा के बीच आवागमन को और बेहतर बनाने के लिए इंद्रलोक से कश्मीरी गेट तक चार किलोमीटर लंबी सुरंग बनाने की योजना है।

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    अभी तक इस योजना के तहत इंद्रलोक से मुनक नहर के साथ हरियाणा सीमा तक 20 किलोमीटर लंबा एलिवेटेड कारिडोर का निर्माण किया जाना था।

    अब इसकी कश्मीरी गेट तक चार किलोमीटर लंबाई और बढ़ने से परियाेजना की कुल लंबाई 24 किलोमीटर से अधिक हो जाएगी।

    लोक निर्माण मंत्री प्रवेश वर्मा ने अधिकारियों के साथ लंबी बैठक कर इंद्रलोक से कश्मीरी गेट तक के चार किलोमीटर भाग को भूमिगत बनाने का फैसला लिया है। उन्होने पर अधिकारियों से काम करने के लिए कहा है।

    पीडब्ल्यूडी का कहना है कि इसके लिए एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की जा रही है। यह योजना दिल्ली सरकार के उन प्रमुख प्रयासों का हिस्सा है, जिनका उद्देश्य राजधानी में बढ़ते ट्रैफिक दबाव को कम करना है।

    यह एलिवेटेड कारिडोर बनने के बाद दिल्ली-हरियाणा बार्डर से लेकर मध्य दिल्ली तक जनता को एक सिग्नल-फ्री कारिडोर मिल सकेगा जो सीधे कश्मीरी गेट आइएसबीटी, आउटर रिंग रोड और जीटी रोड से जुड़ेगा।

    माना जा रहा है कि यह परियोजना सोनीपत, रोहतक और अर्बन एक्सटेंशन रोड (यूईआर) से आने वाले वाहन चालकों की यात्रा को सुगम बनाएगी और मुकरबा चौक, आजादपुर और रोशनारा रोड जैसे जाम वाले इलाकों में राहत देगी।

    प्रस्तावित योजना विस्तार विशेष रूप से उत्तर, उत्तर-पश्चिम और पश्चिम दिल्ली के निवासियों के लिए राहत लेकर आएगी, जो रोजाना लंबे यातायात जाम से जूझते हैं। प्रारंभिक अनुमानों के अनुसार यह कारिडोर दिल्ली-हरियाणा बाॅर्डर से कश्मीरी गेट तक की यात्रा का समय लगभग 40 प्रतिशत तक घटा सकता है।

    इससे इस मार्ग से संबंधित संकरी सड़कों पर दबाव कम होगा और निजी व वाणिज्यिक वाहनों की आवाजाही अधिक सुरक्षित होगी। यह कारिडोर न केवल उत्तर और उत्तर-पश्चिम दिल्ली बल्कि हरियाणा से आने वाले यात्रियों के लिए भी बड़ी राहत साबित होगा।

    इसके शुरू होने से हरियाणा की सीमा से मध्य दिल्ली तक यात्रा का समय और प्रदूषण दोनों कम होगा। पीडब्ल्यूडी ने इस योजना को आगे बढ़ाने के लिए अन्य विभागों से बातचीत शुरू कर दी है। डीपीआर में परियोजना की विस्तृत रूपरेखा, इंजीनियरिंग डिजाइन और मौजूदा एलिवेटेड नेटवर्क पर फाेकस डाला जाएगा।

    पीडब्ल्यूडी मंत्री ने कहा

    यह परियोजना दिल्ली की दीर्घकालिक यातायात जरूरतों को ध्यान में रखते हुए बनाई जा रही है। दिल्ली को भविष्य के अनुरूप और समाधान चाहिए जो शहर और शहर के नागरिकों की बढ़ती आवश्यकताओं को पूरा कर सकें। अब हम अल्पकालिक पैचवर्क से आगे बढ़कर दीर्घकालिक दृष्टिकोण के साथ काम कर रहे हैं। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में दिल्ली सरकार ऐसी परियोजनाओं पर ध्यान दे रही है जो आने वाले दशकों तक दिल्ली की सेवा करेंगी।

    -प्रवेश वर्मा, मंत्री, जल व पीडब्ल्यूडी

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