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    Monsoon 2022: दिल्ली-यूपी और हरियाणा से विदा हुआ मानसून, पढ़िये- ठंड को लेकर ताजा पूर्वानुमान

    Monsoon 2022 Departure पिछले कई दिनों से जारी मौसमी उतार चढ़ाव के बीच दिल्ली-एनीआआर से आखिरकार मानसून 2022 विदा हो ही गया। आने वाले समय में हल्की ठंड शुरू हो सकती है लेकिन ठीकठाक ठंड के लिए एक से डेढ़ महीने का इंतजार करना पड़ेगा।

    By JagranEdited By: JP YadavUpdated: Fri, 30 Sep 2022 08:07 AM (IST)
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    दिल्ली में 19 प्रतिशत कम बारिश हुई है। फाइल फोटो

    नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। Monsoon 2022 Departure: इस साल मानसून के सक्रिय रहने के दौरान देश की राजधानी दिल्ली के साथ-साथ एनसीआर के शहरों में भी तुलनात्मक रूप में कम बारिश हुई है। दिल्ली में तो सामान्य से 19 प्रतिशत कम वर्षा हुई है और इसके साथ ही मानसून विदा हो गया है।

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    पूरे तीन महीने दिल्ली-एनसीआर में रहा मानसून

    भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने बृहस्पतिवार को दिल्ली से दक्षिण- पश्चिमी मानसून के खत्म होने की घोषणा कर दी। बता दें कि मानसून ने इस साल 29-30 जून को दस्तक दी थी। दिल्ली-एनसीआर में मानसून के पहुंचने की आधिकारिक तारीख 27 जून है।

    19 प्रतिशत कम हुई बारिश

    इस वर्ष 29 जून को आया था मानसून इस वर्ष दिल्ली में 29 जून को मानसून का आगमन हुआ था। इसके बाद से कुल 516.9 मिलीमीटर वर्षा हुई जो सामान्य (516.9 मिलीमीटर) से 19 प्रतिशत कम है।

    मौसम विज्ञानियों के मुताबिक, दिल्ली-एनसीआर में बारिश का ट्रेंड बदल रहा है। देश की राजधानी दिल्ली में कुछ सालों पहले तक मानसून की विदाई सितंबर मध्य में हो जाती थी, लेकिन इस बार सितंबर के अंत में हुई है। दरअसल, पिछले साल 17 सितंबर को इसकी विदाई हुई, लेकिन इस वर्ष 23, 24 और 25 सितंबर को हुई मूसलाधार बारिश ने कई रिकॉर्ड तोड़ दिए थे। राजधानी दिल्ली में एक हफ्ते में सामान्य से 9 गुना तक बारिश हुई।

    इस बार देर से विदा हुआ मानसून

    गौरतलब है कि प्रत्येक वर्ष सामान्य तौर पर 25 सितंबर तक दिल्ली-एनसीआर से मानसून चला जाता है। मौसम विज्ञानियों के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर से इस बार थोड़ी देर से मानसून की विदाई हुई है।

    दिल्ली-एनसीआर में प्रभावित होगा भूजलस्तर

    मानसून की कम बारिश के चलते दिल्ली-एनसीआर में भूलस्तर में कमी आना स्वाभाविक है। ऐसे में अगले साल गर्मी के दिनों में दिल्ली के लोगों को जलसंकट का सामना करना पड़ सकता है। बता दें कि दिल्ली जलापूर्ति के लिए हरियाणा और उत्तर प्रदेश पर निर्भर है। ऐसे में गर्मी के दौरान हरियाणा से कम पानी छोड़ गया तो दिल्ली में जलसकंट बढ़ सकता है। 

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