अक्षरधाम मंदिर के दर्शन कर गदगद हुए मंगोलिया के राष्ट्रपति, भारत से अपने देश के रिश्तों को लेकर क्या बोले खुरेलसुख?
मंगोलिया के राष्ट्रपति खुरेलसुख उखना ने विदेश मंत्री के साथ अक्षरधाम मंदिर के दर्शन किए। उन्होंने भगवान नीलकंठवर्णी का अभिषेक किया और दोनों देशों के लोगों के कल्याण की प्रार्थना की। राष्ट्रपति ने भारत-मंगोलिया संबंधों को हूण साम्राज्य जितना पुराना बताया और भारतीय संस्कृति की प्रशंसा की। उन्होंने दोनों देशों की साझी विरासत पर जोर दिया।
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जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली। मंगोलिया के राष्ट्रपति खुरेलसुख उखना ने विदेश मंत्री बत्त्सेत्सेग बटमुंख के साथ बुधवार को स्वामिनारायण अक्षरधाम मंदिर के दर्शन किए। धर्मवत्सलदास स्वामी ने पारंपरिक तरीके से उनका स्वागत किया।
राष्ट्रपति ने भगवान नीलकंठवर्णी की मूर्ति का अभिषेक किया और दोनों देशों के लोगों के हितों, शांति और सद्भाव के लिए प्रार्थना की। करीब एक घंटे तक वह मंदिर में रहे।
राष्ट्रपति खुरेलसुख ने भारत-मंगोलिया संबंधों को लेकर कहा कि भारत के लोगों का स्नेह, जो गंगा नदी की शांति और प्रवाह जितना निर्मल पवित्र है। मंगोलिया के लोगों के विशाल हृदय, जो मंगोलियाई मैदानों जितने असीम हैं, इन दोनों के बीच का यह संबंध हूण साम्राज्य जितना पुराना है। अद्भुत मंदिर के दर्शन कर के हर्ष का अनुभव कर रहा हूं।
भारतीय लोगों की आध्यात्मिकता, धर्म, जीवनशैली, परंपरा, इतिहास और संस्कृति का एक प्रतिबिंब है। यह वास्तव में भारतीय लोगों की गहन आध्यात्मिक भावना का प्रतीक है।
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उन्होंने कहा कि उनकी यह यात्रा भारत और मंगोलिया की आस्था और संस्कृति की उस साझी विरासत को पुनः रेखांकित करती है, जो इन दोनों राष्ट्रों को आध्यात्मिकता, समरसता और सार्वभौमिक मूल्यों के आदर के सूत्र में जोड़ती है।
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