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    साटथ दिल्ली में वंडर से खंडहर बनी मेहरचंद डबल स्टोरी मार्केट, पुनर्विकास का इंतजार

    Updated: Thu, 01 Jan 2026 12:20 AM (IST)

    दक्षिणी दिल्ली की 69 साल पुरानी मेहरचंद डबल स्टोरी मार्केट खंडहर में बदल गई है, जो पुनर्विकास का इंतजार कर रही है। कभी 'वंडर मार्केट' कहलाई जाने वाली ...और पढ़ें

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    लोधी कॉलोनी स्थित मेहरचंद डबल स्टोरी मार्केट के ऊपर बने सरकारी फ्लैट की आड़ में बने अवैध निर्माण। जागरण

    सुधीर बैसला, दक्षिणी दिल्ली। पेशावर में मेरा पुश्तैनी मकान आज भी है। बंटवारे के समय मेरे पिता यहां चले आए। मेरा जन्म दिल्ली में हुआ। हम रिफ्यूजी (शरणार्थी) यहां लोधी कॉलोनी कैंप में रहते थे। सड़क किनारे खोखा लगाकर घरेलू जरूरत वाला धंधा करते थे। करीब 400-500 परिवार खोखा लगाकर आजीविका चला रहे थे।

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    1956 में तत्कालीन पुनर्वास मंत्री मेहरचंद खन्ना ने शरणार्थियों को पक्की दुकानें देने की योजना के तहत दिल्ली में कई मार्केट बनाए थे। उन्हीं में एक म्यूनिसिपल डबल स्टोरी मेहरचंद मार्केट और मेहरचंद मार्केट बनीं थी।

    यह वंडर मार्केट कहलाती थीं, क्योंकि यहां दर्जी कपड़ों को बड़े सलीके से अल्टर करते थे, नए सिलते थे। बगल वाली मेहरचंद मार्केट फ्री होल्ड कर दी गई, जहां अब दर्जी की दुकान, परंपरागत पुरानी दुकानों की जगह कांच की दीवारों वाले शोरूम, सेलून और कैफे हैं लेकिन डबल स्टोरी मार्केट 69 साल बाद भी वैसे के वैसी ही है। ये ढहने के कगार पर है।यह कहानी डबल स्टोरी मार्केट में दर्जी की दुकान करने वाले घनश्याम खरबंदा ने हमें सुनाई।

    डबल स्टोरी मार्केट में 101 दुकान हैं, और उसके ऊपर दिल्ली सरकार के कर्मियों के लिए टाइप टू और टाइप थ्री फ्लैट हैं।नीचे बनी दुकानों के सामने लगे पिलर का गला हुआ सरिया बाहर दिखाई देने लगा है। छत से प्लास्टर व लेंटर टूटकर अक्सर गिरता है। सरकारी कर्मियों ने दुकानों के ऊपर बने टाइप टू को टाइप-7 में अपने हिसाब से कनवर्ट कर लिया है। भले ही वे खुद अपने परिवार को जोखिम के साथ लेकर रह रहे हैं लेकिन इन फ्लैट्स को खाली करने के लिए तैयार नहीं है।

    मार्केट एसोसएिशन के सचिव निर्मल सिंह ने बताया कि फिलहाल यह मार्केट एमसीडी के भूमि एवं संपत्ति विभाग के अधीन है। इन दुकानों में बैठे दुकानदार इस विभाग के लाइसेंस धारक है, मालिक नहीं है।

    छोटी दुकान का किराया 10 रुपये प्रति माह तक है जबकि बड़ी दुकान का किराया 40 रुपये प्रति माह तक है। सभी दुकानदारों की सामूहिक मांग है कि बगली वाली मेहरचंद मार्केट की तरह इस मार्केट को फ्री होल्ड करके इन्हीं दुकानदारों को अलाट किया जाए, जो अभी लाइसेंसधारक है। टूर ट्रेवल्स चलाने वाले राजेंद्र व दर्जी मोहन की भी यही मांग है।

    2022 से पूरी तरह बदल गया मेहरचंद मार्केट

    एमसीडी डबल मार्केट के बगल में मेहरचंद मार्केट दक्षिण दिल्ली नगर निगम ने 2022 में इसके पुनर्विकास को मंजूरी दी। योजना के तहत इसे तीन मंजिला, पैदल-मार्ग वाला आधुनिक शॉपिंग प्लाजा बनाने का फैसला हुआ।

    साथ ही लाइसेंस धारकों को ही इन्हें अलाट कर दिया गया। अब बाजार ने नया पहनावा ओढ़ लिया है। कांच की दीवारों वाले शोरूम, सैलून और कैफे दिखने लगे हैं। कभी शादी-ब्याह के लिए टेंट और तिरपाल देने वाली दुकान की जगह अब कार्नेटिक कैफे है। खाने के साथ-साथ यहां दिन भर लंबी कतार लगती है।