मौजपुर बना दिल्ली का पहला धूमपान मुक्त गांव, ग्रामीणों के संकल्प और तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर पाबंदी का चमत्कार
दिल्ली का मौजपुर गांव धूम्रपान मुक्त बन गया है। ग्रामीणों के संकल्प और तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर पाबंदी के कारण यह संभव हुआ। मौजपुर दिल्ली का पहला ...और पढ़ें

प्रतीकात्मक तस्वीर।
जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी के मौजपुर गांव को दिल्ली का पहला धूमपान मुक्त गांव घोषित किया गया है। केंद्र सरकार के नशा मुक्त अभियान को सफल बनाने के लिए शाहदरा जिला प्रशासन ने शनिवार को यह घोषणा की। इस गांव में दुकानों पर धूमपान के उत्पाद बेचने व खरीदने पर प्रतिबंध लगाया गया है। बेचे जाते हुए पकड़े जाने पर प्रशासन की ओर से चालान किए जाएंगे। शाहदरा जिलाधिकारी एसएस परिवाहर, एडीएम राजीव रंजन व एसडीएम तपन झा ने गांव को धूमपान मुक्त की घोषणा की। इस कार्यक्रम में ग्रामिणों व गांव के दुकानदारों ने भाग लिया।
जिलाधिकारी एसएस परिहार ने कहा कि कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती। प्रशासन पिछले एक वर्ष से मौजपुर गांव में धूमपान मुक्ति के लिए कोशिश कर रहा है। गांव के ग्रामीणों व दुकानदारों से बैठक की। उन्हें धूमपान मुक्त गांव के लिए प्रेरित किया। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता घर-घर गईं और धूमपान से होने वाली घातक बीमारियों के बारे में बताया।
उन्होंने कहा अभी दिल्ली के एक ही गांव को धूमपान मुक्त घोषित किया है। लोग साथ देंगे तो दिल्ली को जल्द ही धूमपान मुक्त घोषित कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि नशे से सबसे ज्यादा महिलाएं त्रस्त हैं। धूमपान मुक्त अभियान के लिए वह महिलाओं से मिले तो उन्होंने बताया किस तरह से नशे ने उनके घर को बर्बाद कर दिया है। नशा एक लाइलाज बीमारी है। इसकी लत बहुत बुरी होती है। उन्होंने दुकानदारों से कहा कोई चोरी छिपे भी धूमपान वाले उत्पाद न बेचें, अगर वह बेचेंगे तो खुद को धोखा देंगे।
एसडीएम तपन झा ने कहा कि ग्रामीण जब किसी काम को करने को ठान लेते हैं तो वह पीछे नहीं हटते हैं। धूमपान मुक्त गांव एक अच्छी पहल है। इसमें आम लोगों का सहयोग बहुत जरूरी है। गांव में जहां भी धूमपान से संबंधित उत्पाद बिक रहे हैं तो लोग उन्हें सूचित कर सकते हैं वह चालान करवाएंगे। इस मौके पर पार्षद अनिल गौड़, नवीन चाैधरी, आशुष आर्य समेत कई लोग मौजूद रहे।

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