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    Air India Peeing Case: फ्लाइट में बुजुर्ग महिला पर पेशाब करने वाले आरोपी को दिल्ली के कोर्ट ने दी जमानत

    By Jagran NewsEdited By: Geetarjun
    Updated: Tue, 31 Jan 2023 05:22 PM (IST)

    Air India Flight Peeing Case एयर इंडिया विमान में महिला यात्री पर पेशाब करने वाले आरोपी शंकर मिश्रा को पटियाला हाउस कोर्ट ने जमानत दे दी है। 26 नवंबर 2022 को फ्लाइट में एक बुजुर्ग महिला यात्री के सामने अश्लील हरकत और पेशाब करने का मामला सामन आया था।

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    एयर इंडिया फ्लाइट में बुजुर्ग महिला पर पेशाब करने वाले आरोपी को कोर्ट ने दी जमानत

    नई दिल्ली, एएनआई। एयर इंडिया विमान में बुजुर्ग महिला यात्री पर पेशाब करने वाले आरोपी शंकर मिश्रा को दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने जमानत दे दी है। बता दें कि 26 नवंबर 2022 को एयर इंडिया की फ्लाइट में एक बुजुर्ग महिला यात्री के सामने अश्लील हरकत और पेशाब करने का मामला सामने आया था। आरोपी को दिल्ली पुलिस ने 6 जनवरी को बैंगलुरू से गिरफ्तार किया था।

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    पटियाला हाउस कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (एएसजे) हरज्योत सिंह भल्ला ने सोमवार को पक्षकारों की ओर से दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। कोर्ट ने एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर आरोपी शंकर मिश्रा को राहत दी है। न्यायाधीश मजिस्ट्रेट अदालत के एक आदेश के खिलाफ आरोपी द्वारा दायर अपील पर सुनवाई कर रहे थे, जिसने उसे जमानत देने से इनकार कर दिया था।

    कृत्य घिनौना है, पर अदालत कानून के अनुसार चलेगी

    मामले में सोमवार (30 जनवरी) को हुई सुनवाई में पटियाला हाउस कोर्ट ने फ्लाइट में महिला पर पेशाब करने के आरोपी शंकर मिश्रा के कृत्य को घिनौना बताया था। हालांकि, कहा कि कोर्ट तो कानून के अनुसार चलेगा। यह टिप्पणी करते हुए अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश हरज्योत सिंह भल्ला ने सोमवार को जमानत याचिका पर अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया था। अभियोजन पक्ष ने मिश्रा की जमानत याचिका का विरोध किया था।

    शिकायतकर्ता और गवाह के बयान में विरोधाभास

    सुनवाई के दौरान अदालत ने दिल्ली पुलिस से कहा कि आपने जिस गवाह का नाम लिया है, वह आपके पक्ष में गवाही नहीं दे रहा है। दूसरी ओर, शिकायतकर्ता के बयान और इला बेनर्जी (गवाह) के बयान में विरोधाभास है। वहीं, पुलिस ने कहा कि घटना के कारण भारत की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बदनामी हुई है।

    दिल्ली पुलिस ने यह भी कहा कि मिश्रा ने जांच में सहयोग नहीं किया और उन्होंने अपने सभी मोबाइल फोन बंद कर दिए। पीठ ने सवाल किया कि आरोपित को मामले में प्राथमिकी होने की जानकारी कैसे मिली। इसके जवाब में पुलिस ने कहा कि मीडिया के माध्यम से।

    11 जनवरी को मजिस्ट्रेट कोर्ट ने खारिज की थी जमानत याचिका

    वहीं, जमानत की मांग करते हुए मिश्रा की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता रमेश गुप्ता ने कहा कि मजिस्ट्रेट अदालत ने उनकी जमानत को इसलिए अस्वीकार कर दिया था, क्योंकि जांच लंबित थी, जो कि अब पूरी हो चुकी है। उन्होंने कहा कि मिश्रा के खिलाफ लगाए गए सभी आरोप जमानती हैं। मजिस्ट्रेट अदालत ने 11 जनवरी को मिश्रा को जमानत देने से इन्कार कर दिया था। इस फैसले को शंकर मिश्रा ने पटियाला हाउस कोर्ट में चुनौती दी थी।

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