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    लिंक्डइन पर फर्जी प्रोफाइल से देता था नौकरी का लालच, महिला से ठगे 1.10 करोड़

    Updated: Sat, 25 Oct 2025 03:08 AM (IST)

    पश्चिमी दिल्ली पुलिस ने कुणाल सतीश हेलकर नामक एक ठग को गिरफ्तार किया है, जो लिंक्डइन पर फर्जी प्रोफाइल बनाकर लोगों को नौकरी का लालच देता था। उसने एक महिला और उसके परिवार से 1.10 करोड़ रुपये ठगे। पुलिस ने उसे गोवा से गिरफ्तार किया और उसके पास से जाली दस्तावेज बरामद किए। कुणाल पीड़ितों पर नजर रखने के लिए उनके घरों में सीसीटीवी कैमरे भी लगवाता था।

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    फर्जी प्रोफाइल से देता था नौकरी का लालच

    जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली।  द्वारका जिला पुलिस ने एक ऐसे शातिर ठग को गिरफ्तार किया है जो खुद को सीईओ बताकर लोगों को नौकरी देने के नाम पर ठगता था। कुणाल सतीश हेलकर नामक आरोपित को दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को गोवा से गिरफ्तार किया है। 

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    पुलिस के अनुसार, आरोपित कुणाल ने लिंक्डइन पर अपना फर्जी प्रोफाइल बनाया था। कुणाल ने लिंक्डइन पर फरवरी 2024 में द्वारका की एक महिला से संपर्क किया। संपर्क के बाद महिला और उसके परिवार को नौकरी और निवेश के नाम पर 1.10 करोड़ रुपये की चपत इसने लगा दी। पीड़ित महिला ने साइबर थाने में ठगी की शिकायत दर्ज कराई थी।

    गोवा में छिपे होने की जानकारी 

    महिला की शिकायत पर पुलिस उपायुक्त अंकित सिंह के निर्देश पर साइबर थाना प्रभारी इंस्पेक्टर राजीव कुमार के नेतृत्व में तकनीकी जांच शुरू हुई। मोबाइल नंबर, ईमेल, और वित्तीय लेनदेन की पड़ताल के बाद पुलिस ने कुणाल को गोवा में छिपे होने की जानकारी हासिल की। 

    पुलिस टीम ने लोकेशन के आधार पर उसे गुरुवार को गोवा में गिरफ्तार कर लिया। उसके पास से जाली दस्तावेज, फर्जी ईमेल आईडी, दो मोबाइल फोन, और ठगी से संबंधित सबूत बरामद किए गए। पूछताछ में कुणाल ने 1.10 करोड़ रुपये की ठगी की बात कबूल की। पुलिस अब ठगी के पैसे का पता लगाने अन्य संभावित पीड़ितों और कुणाल के साथियों की तलाश में जुटी है।

    इस तरह ठगी को दिया अंजाम

    कुणाल ने लिंक्डइन पर पीड़ित महिला को अपनी फर्जी कंपनी विजया डिजिटल कॉरपोरेशन में डिजिटल एसोसिएट न्यूज एडिटर की नौकरी का लालच देते हुए 45,000 रुपये मासिक वेतन का वादा किया। 

    इसके बाद, उसने फर्जी ऑफर लेटर, जाली दस्तावेज, और यूनेस्को इंडिया से संबंध होने का झूठा दावा कर महिला और उनके परिवार से विभिन्न बहानों से पैसे ऐंठे। इनमें गैजेट खरीद, डीडीए फ्लैट आवंटन, इंटर्नशिप शुल्क, और रोजगार योजनाएं शामिल थीं।

    पीड़ितों पर नजर रखने के लिए उनके घरों में लगवाता था सीसीटीवी कैमरा

    पुलिस ने जब आरोपित कुणाल से पूछताछ की तो उसने बताया कि उसने कई फर्जी कंपनियां बनाईं, जैसे प्लानर मीडिया ग्रुप और स्पीक कम्युनिटी नेटवर्क आदि। उसने जाली वेबसाइट, ईमेल, और दस्तावेज बनाकर पीड़ितों का भरोसा जीता। 

    वह पीड़ितों के बैंक खातों तक अनधिकृत पहुंच बनाकर संदिग्ध लोन एप के जरिये उनके नाम पर लोन भी लेता था। इसके अलावा, वह पीड़ितों पर नजर रखने के लिए उनके घर में सीसीटीवी कैमरे तक लगवाता था और कहता था कि यह नौकरी के लिए जरूरी है ताकि कभी भी संपर्क किया जा सके।