ग्रेप उल्लंघन के बीच ज्वाला नगर में लेंटर गिरा, पुलिस ने केस दर्ज किया, पांच घायल
दिल्ली के ज्वाला नगर में ग्रेप नियमों का उल्लंघन करते हुए एक निर्माणाधीन इमारत का लेंटर गिरने से पांच लोग घायल हो गए। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। निर्माण कार्य पर प्रतिबंध के बावजूद लेंटर डाला जा रहा था। पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि निर्माण कार्य किसकी अनुमति से चल रहा था।
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जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली। बढ़ते प्रदूषण के चलते राजधानी में ग्रेप लागू है। निर्माण कार्य पर प्रतिबंध है। प्रतिबंध की धज्जियां उड़ाते हुए विवेक विहार थाना क्षेत्र के ज्वाला नगर में अवैध तरीके से मकान बनाया जा रहा था। मंगलवार सुबह चौथी मंजिल का लेंटर भरभराकर गिर गया। इसमें मकान मालकिन समेत पांच लोग दब गए।
हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस, दमकल, डीडीएमए, निगम की टीमें मौके पर पहुंची। मलबे में दबे लोगों को बाहर निकाला गया और डाॅ. हेडगेवार अस्पताल में भर्ती करवाया गया। घायलों का इलाज चल रहा है। विवेक विहार थाना ने निर्माण कार्य में लापरवाही समेत कई धाराओं में केस दर्ज किया है।
निर्माण सामग्री में कमी का है मामला
जिला पुलिस उपायुक्त प्रशांत गौतम ने बताया कि मंगलवार सुबह 9:50 बजे पुलिस को सूचना मिली कि ज्वाला नगर की गली नंबर छह में चौथी मंजिल का लेंटर गिर गया है। कुछ लोग दब गए हैं। बचाव दल मौके पर पहुंचा।
मलबे के नीचे से मकान मालकिन रामश्री, इनके परिवार के सदस्य रोहित व मजदूर ताहिर, राजेश व इस्माइल को निकाला। सभी को अस्पताल में भर्ती करवाया। जांच में पता चला यह मकान तीन मंजिला बना हुआ है। रामश्री इसपर चौथी मंजिल बनवा रही थी। पुलिस को आशंका है निर्माण सामग्री ठीक न होने की वजह से यह हादसा हुआ है।
दूर तक सुनाई दी लेंटर गिरने की आवाज
पड़ोसियों ने बताया कि मकान का लेंटर गिरने की आवाज दूर तक सुनाई दी। लोग अपने घरों से बाहर आए तो मलबा पड़ा हुआ था, धूल का गुबार था। मलबे में दबे लोग जान बचाने के लिए चिल्ला रहे थे। दो लोगों को स्थानीय लोगों ने किसी तरह से निकाला। बाकी लोगों को पुलिस ने अन्य टीम के साथ मिलकर निकाला।
निगम की सक्रियता पर उठे सवाल
ग्रेप-तीन में निर्माण कार्य पर प्रतिबंध लगा हुआ है। निगम को सख्त आदेश है कि वह निर्माण न होने दे। लेकिन जिस मकान में हादसा हुआ वहां पिछले कई दिनों से निर्माण कार्य चल रहा था। ग्रेप का उल्लंघन हो रहा था। निगम को भनक तक नहीं लगी। इस हादसे ने निगम की सक्रियता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

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