Delhi Blast: ब्रेनवाॅश कर फिदायीन तैयार कर रहा था डाॅ. उमर, फैलाना चाहता था सफेदपोश आतंकियों का नेटवर्क
लाल किले के पास आत्मघाती हमले की साजिश जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी डॉ. उमर नबी बट ने रची थी। वीडियो में वह युवाओं को फिदायीन बनाने के लिए ब्रेनवॉश करता दिख रहा है। उमर आत्मघाती बम विस्फोट को 'शहादत' के रूप में सही ठहरा रहा है। जांच में एक सफेदपोश आतंकी तंत्र का पता चला है, जिसमें कट्टरपंथी पेशेवर और छात्र शामिल हैं।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। लाल किला के बाहर आत्मघाती हमला करने की साजिश पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी डाॅ. उमर नबी बट और इस माॅड्यूल के सदस्यों ने पहले से रच रखी थी। यह हमला पूरी तरह सुनियोजित था, तभी फरीदाबाद व सहारनपुर में कुछ आतंकियों के पकड़े जाने पर उमर ने 10 नवंबर की शाम लाल किला के बाहर आकर आत्मघाती हमला कर दिया था।
जांच एजेंसी का मानना है कि वीडियो से इस बात का पता चलता है कि उमर युवाओं का ब्रेनवाॅश कर उन्हें फिदायीन के लिए तैयार कर रहा था। मंगलवार सुबह इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित उमर के वीडियो से इस बात की पुष्टि होती है कि वह पूरी तरह कट्टरपंथी हो चुका था।
आत्मघाती हमला करने से पहले उसका जेहादी वाला पहला वीडियो सामने आया है, जो जांच एजेंसी के लिए अहम साक्ष्य साबित हो सकता है। ये उमर का खुद रिकॉर्ड किया हुआ और बिना तारीख वाला वीडियो है। इसमें वीडियो में वह आत्मघाती बम बनने व 'शहादत' के बारे में बात करते हुए दिखता है।
वीडियो में वह कह रहा है कि जिसे आत्मघाती बम कहा जाता है, यह अवधारणा गललतफहमी में से एक है। यह शहादत है..जिसे इस्लाम में जाना जाता है। इसमें कई विरोधाभास है, इसके खिलाफ कई तर्क दिए गए हैं। वीडियो में वह कह रहा है कि 'शहादत' अभियान वह होता है, जिसमें व्यक्ति यह मान लेता है कि उसकी मृत्यु किसी खास जगह और समय पर होगी।
उमर कह रहा है कि कोई भी यह अनुमान नहीं लगा सकता कि उसकी मृत्यु कब और कहां होगी, और अगर यह नियति में लिखा है तो यह जरूर होगा। वह लोगों से यह भी कह रहा कि मृत्यु से मत डरो, इस्लाम में आत्महत्या हराम है। वीडियो में उमर आत्मघाती बम विस्फोट को 'शहादत' के रूप में उचित ठहरा रहा है।
वीडियो में उमर अंग्रेजी में अलग लहजे में बोल रहा है। उसकी बातों से पता चलता है कि उसने आत्मघाती बम और 'शहादत' जैसे विषयों पर गहराई से सोचा था, वह पूरी तरह से कट्टरपंथी हो चुका था। वीडियो में वह शांत और संयमित होकर जघन्य कृत्य को उचित ठहराते हुए दिखाई दे रहा है। यह वीडियो देश में आतंकवाद के नए चेहरे को भी दर्शाता है।
वीडियो से पता चलता है कि लाल किला धमाके की योजना गोपनीय तरीके से बनाई गई थी। यह इस अटकल को खारिज करता है कि विस्फोटक ले जाते समय यह घटना अनजाने में घटी। धमाके की साजिश से पता चलता है कि जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकवादी संगठन अब डाॅक्टरों जैसे उच्च शिक्षित पेशेवर की भी भर्ती कर रहा है।
इस महीने की शुरुआत में फरीदाबाद से भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद होने के तुरंत बाद, जम्मू-कश्मीर पुलिस ने कहा था कि उन्होंने जैश-ए-मोहम्मद और अंसार गजवत-उल-हिंद से जुड़े एक अंतरराज्यीय और अंतरराष्ट्रीय आतंकी माॅड्यूल का भंडाफोड़ किया है।
इसमें कहा गया है, जांच से एक सफेदपोश आतंकी तंत्र का पता चला है, जिसमें कट्टरपंथी पेशेवर और छात्र शामिल हैं, जो पाकिस्तान और अन्य देशों से संचालित विदेशी हैंडलर के संपर्क में हैं। यह समूह विचारधारा, समन्वय, धन की आवाजाही और रसद के लिए एन्क्रिप्टेड चैनलों का उपयोग कर रहा है। सामाजिक व धर्मार्थ कार्यों की आड़ में पेशेवर और शैक्षणिक नेटवर्क के माध्यम से धन जुटाया गया था।
इस वीडियो के सामने आने से सारा सस्पेंस खत्म हो गया। इस बात की पुष्टि हो गई कि यह डाॅक्टर माॅड्यूल देश को तबाह करने के लिए काफी समय से साजिश रच रहा था। फरीदाबाद के अल फलाह यूनिवर्सिटी में देश को तबाह करने की साजिश रची जा रही थी।

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