कोटला मुबारकपुर हत्याकांड: दोस्त से अवैध संबंध के शक में गर्लफ्रेंड की हत्या कर भागा था आरोपी, हरियाणा से गिरफ्तार
दिल्ली के कोटला मुबारकपुर में एक युवती की हत्या के मामले में आरोपी को हरियाणा से गिरफ्तार किया गया। आरोपी को शक था कि उसकी गर्लफ्रेंड का उसके दोस्त के साथ अवैध संबंध है। इसी शक के चलते उसने गुस्से में आकर उसकी हत्या कर दी और फरार हो गया था। पुलिस ने उसे हरियाणा से गिरफ्तार किया।

प्रतीकात्मक तस्वीर।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। कोटला मुबारकपुर में बीती सात अक्टूबर को 25 वर्षीय युवती साक्षी गुरुंग की हत्या उसके ब्वायफ्रेंड ने बीयर की टूटी बोतल व चाकू मारकर की थी। आरोपित अक्सर युवती से मिलने उसके घर आता था। छह अक्टूबर की रात उसने युवती के मोबाइल में किसी अन्य युवक के साथ उसकी कुछ तस्वीरें देख ली थी, जिसको लेकर दोनों में झगड़ा हुआ था। इस दौरान गुस्से में आरोपित ने युवती की बेरहमी से हत्या की और बाहर से दरवाजे की कुंडी बंद करके हरियाणा भाग गया था।
पकड़े जाने के डर से उसने रास्ते में अपना मोबाइल भी फेंक दिया था। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज व अन्य तकनीकी जांच कर चौबीस घंटे के अंदर आरोपित हिमांशु को हरियाणा के हांसी से गिरफ्तार कर लिया। आरोपित हिसार जिले के हांसी स्थित ढाण खुर्द गांव का रहने वाला है। उसके विरुद्ध दस मामले दर्ज हैं।
दक्षिण जिला के डीसीपी अंकित चौहान का कहना है कि दिल्ली और हरियाणा में करीब 50 किलोमीटर की दूरी में लगे 500 से अधिक सीसीटीवी कैमरों के फुटेज देखे गए। इसके बाद हरियाणा के एक गिरोह से जुड़े अपराधी हिमांशु की पहचान कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
बीती सात अक्टूबर की शाम कोटला मुबारकपुर थाना पुलिस को पीसीआर काल मिली कि एक घर की सीढ़ियों पर खून के धब्बे देखे गए है। मौके पर पहुंची पुलिस ने जब कमरे का दरवाजा खोला तो वहां 25 वर्षीय युवती साक्षी गुरुंग खून से लथपथ पड़ी थी। उसके चेहरे और गर्दन पर चोट के निशान थे और घर का सामान बिखरा पड़ा था।
डीसीपी ने बताया कि साक्षी पहली मंजिल पर किराए पर रहती थी। एफएसएल और अपराध टीमों को घटनास्थल से बीयर की बोतलें, खून से सने कपड़े और चाकू का हैंडल सहित विभिन्न साक्ष्य मिले। जांच में पता चला कि कोविड महामारी के दौरान साक्षी की मां की मृत्यु हो गई थी।
वहीं, उसके दो साल बाद पिता का भी निधन हो गया था। वह अपने माता-पिता की इकलौती संतान थी। दिल्ली में उसका कोई करीबी रिश्तेदार भी नहीं था। जांच के लिए एसीपी सोमनाथ परुति व अरविंद कुमार के नेतृत्व में दस टीमें बनाई गईं।
टीम को सीसीटीवी फुटेज में एक युवक घटना के समय युवती की इमारत से तेजी से उतरते देखा गया, लेकिन फुटेज स्पष्ट नहीं था पर फुटेज से पता चला कि आरोपित दो दिन से युवती के साथ रुका हुआ था।
इसके बाद पुलिस टीमों ने विभिन्न रास्तों पर लगे कई सीसीटीवी की जांच की। वहीं साक्षी का मोबाइल आरोपित हिमांशु लेकर चला गया था। सीसीटीवी में उसके भागने का रास्ता रोहतक की ओर जाने का पता चला। इसके बाद उसे हांसी से दबोच लिया गया।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।