वीडियो में युवती की हालत देख उड़ गए परिवार के होश, पूरा मामला जानने के लिए पढ़ें- ये स्टोरी
हैरानी की बात यह है कि इस दौरान युवती ने ऐसा किरदार निभाया कि मां-बाप के साथ पुलिस भी कई घंटे तक सकते में रही।
नई दिल्ली, जेएनएन। know about a Delhi girl who created the story of her kidnapping: पश्चिमी दिल्ली के आदर्श नगर इलाके में रामलीला देखने गई युवती ने माता-पिता की फटकार के डर से खुद ही अपहरण की फर्जी कहानी गढ़ डाली, लेकिन पुलिस ने जब युवती को बरामद किया तो सच्चाई सामने आ गई। हैरानी की बात यह है कि इस दौरान युवती ने ऐसा किरदार निभाया कि मां-बाप के साथ पुलिस भी कई घंटे तक सकते में रही।
जानकारी के अनुसार, 18 वर्षीय युवती परिवार के साथ आदर्श नगर इलाके में रहती है। बताया जाता है कि रविवार शाम को वह अपनी सहेली के साथ केवल पार्क में रामलीला देखने के लिए निकली थी, लेकिन देर रात को वह वापस नहीं लौटी तो परिजनों ने उसे खोजना शुरू किया। इसी बीच उसके मोबाइल नंबर से उसके पिता के व्हाट्सएप पर एक वीडियो आया। वीडियो में युवती के हाथ पतली रस्सी से बंधे थे और सिर घुटनों पर रखकर वह छोड़े जाने की गुहार लगाते हुए दिखाई दे रही थी। पिता ने रविवार की रात में करीब दस बजे इस मामले की सूचना पुलिस को दी। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत अपहरण की धारा में मुकदमा दर्ज कर लिया और एसएचओ महावीर सैनी एवं स्पेशल स्टाफ के इंस्पेक्टर बलिहर सिंह के नेतृत्व में एसआइ आनंद सिंह व योगेश की टीम का गठित की गई।
जांच के क्रम में युवती का मोबाइल फोन बंद आ रहा था, लेकिन उसकी आखिरी लोकेशन आजादपुर इलाके में मिली। पुलिस ने तुरंत युवती के मोबाइल फोन के कॉल डिटेल्स को खंगाला और जिसके आधार पर उसके दोस्तों से पूछताछ शुरू की। इसमें दानिश और अमन नाम के युवक और कुछ सहेलियां भी शामिल थीं। पुलिस को सुराग मिला कि वह आदर्श नगर इलाके में ही एक दोस्त के घर पर है, लेकिन छापे से पहले वह गायब हो गई, लेकिन एक फोन नंबर पुलिस को मिल गया जो युवती के पास था। सोमवार की सुबह करीब दस बजे पुलिस को उस नंबर का लोकेशन चांदनी चौक इलाके में मिली। ऐसे में पुलिस ने उसे बरामद कर लिया।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि पूछताछ में पता चला कि युवती को रामलीला देखने के लिए जाते समय अमन और दानिश मिले। बाद में दानिश व अमन कहीं चले गए, लेकिन देर रात युवती घूमते हुए अपने एक अन्य दोस्त के घर पर पहुंच गई, चूंकि उसे घर पहुंचने में देर हो चुकी थी, ऐसे में उसे डर था कि उसे माता-पिता डांटेंगे। ऐसे में उसने डांट से बचने के लिए उसने फर्जी अपहरण की कहानी गढ़ डाली।
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