PWD के इन अधिकारियों के लिए 'राहु' बना पूर्व सीएम केजरीवाल का आवास, क्यों बैठे माथा पकड़कर
दिल्ली में पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास के नवीनीकरण का मामला पीडब्ल्यूडी अधिकारियों के लिए मुसीबत बन गया है। अनियमितताओं के चलते एक वरिष्ठ अधिकारी की पदोन्नति रोक दी गई है, जबकि उनसे कनिष्ठ अधिकारियों को पदोन्नति मिल गई है। इस मामले में सीबीआई और सतर्कता आयोग की जांच चल रही है। नवीनीकरण पर करोड़ों रुपये खर्च हुए थे, जबकि टेंडर कम राशि का था।
-1762748391655.webp)
वी के शुक्ला, नई दिल्ली। दिल्ली में लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) में रहे अधिकारियों के लिए पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास में हुए नवीनीकरण का काम 'राहु' बन गया है।
इस नवीनीकरण में सामने आईं अनियमितताओं के मामले में पूर्व में निलंबत हो चुके पीडब्ल्यूडी के रहे वरिष्ठ अधिकारी अशोक राजदेव पर फिर गाज गिरी है, उनकी पदोन्नति रोकी गई है। उनसे कनिष्ठ अधिकारियों को पदोन्नति मिल गई है, मगर इनका प्रमोशन सील बंद लिफाफे में रखा गया है। राजदेव इस केस में नहीं फंसते तो केंद्रीय लोक निर्माण विभाग में विशेष महानिदेशक बन गए होते।
पूर्व सीएम आवास मामले में राजदेव सहित अब तक सात अधिकारियों को निलंबित किया जा चुका है। उनके खिलाफ सीबीआई और केंद्रीय सतर्कता आयोग की जांच चल रही है। मुख्यमंत्री रहने के दौरान केजरीवाल के सिविल लाइन स्थित फ्लैग स्टाफ रोड के बंगला नंबर-6 आवास में नवीनीकरण के नाम पर अनियमितता बरती गई थीं। हालांकि, नवीनीकरण काम कराने वाले अधिकारी बेगुनाह होने की दलील देते रहे हैं।
अब प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में गठित समिति पदोन्नति समिति की हुई बैठक के बाद गत 28 अक्टूबर के आदेश के अनुसार समिति ने कुल 6 अधिकारियों को पदोन्नति दी है। उन्हें केंद्रीय लोक निर्माण विभाग में विशेष महानिदेशक बनाया गया है। इनमें एनएन संबासिवा राव, बीएल मीना, मनोज तलरेजा, पीबी सिंह व राजेश खरे के नाम शामिल हैं।
यह भी पढ़ें- दिल्ली के अस्पताल का हाल... 6 महीनों से दांतों के एक्स-रे की सुविधा बंद, स्वास्थ्य मंत्री भी नहीं कर पाए समाधान
इनके बाद जदेव का नाम छठे नंबर पर था, मगर उनकी पदोन्नति रोक दी गई। इनसे निचले स्तर के दो अधिकारी रामदयाल और नवीन कुमार बंसल को पदोन्नति दे दी गई। हालांकि, आदेश में कहा गया है कि राजदेव से निचले स्तर के दोनों अधिकारियों को अडहाक आधार पर पदोन्नति दी गई है। क्योंकि इस दौरान अगर राजदेव का मामला सुलट जाता है तो राजदेव इस पदोन्नति के हकदार होंगे। ऐसे में राजदेव विशेष महानिदेशक बनने से रह गए हैं।
इन अधिकारियों को किया जा चुका है निलंबित
इनमें तत्कालीन प्रधान मुख्य अभियंता एके आहूजा, तत्कालीन मुख्य अभियंता (पूर्व मंडल) पीके परमार, प्रधान मुख्य अभियंता अशोक कुमार राजदेव और अधीक्षक अभियंता अभिषेक राज और तत्कालीन कार्यकारी अभियंता (केंद्रीय और नया डिवीजन) के शिबनाथ धारा, कार्यकारी अभियंता विनय चौधरी और सहायक अभियंता रजत कांत को निलंबित दिया गया है। इनमें से राजदेव, राज, चौधरी और कांत अभी सेवा में हैं। अधिकारी दलील देते रहे हैं कि उन्होंने उस समय की सरकार के आदेश पर काम किया है।
पूर्व सीएम केजरीवाल के सरकारी आवास की शक्ल बदलने पर 44.78 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे। सितंबर 2020 से जून, 2022 के बीच 6 बार में राशि खर्च की गई। जबकि इसका टेंडर 8.62 करोड़ रुपये की निविदा लागत पर दिया गया था। इसकी अनुमानित लागत 7.61 करोड़ रुपये थी। इसे 13.21 प्रतिशत ज्यादा कर दिया गया था। यह बंगला 1942 में बनाया गया था।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।