दिल्ली के पर्यटन मंत्री कपिल मिश्रा को कोर्ट से राहत, 2020 के दंगों में उनकी भूमिका की जांच का आदेश रद
राउज एवेन्यू कोर्ट ने 2020 के दिल्ली दंगों में भाजपा नेता कपिल मिश्रा की भूमिका की जांच के मजिस्ट्रेट अदालत के आदेश को रद कर दिया। कोर्ट ने कहा कि मजिस्ट्रेट ने अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर निर्देश दिए। शिकायतकर्ता मोहम्मद इलियास ने कपिल मिश्रा पर भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगाया था, जिसके कारण दंगे भड़के। कोर्ट ने इस स्तर पर नई जांच के आदेश को मजिस्ट्रेट की सीमाओं से परे बताया।
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जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। राउज एवेन्यू स्थित विशेष न्यायाधीश दिग्विनय सिंह ने मजिस्ट्रेट अदालत के उस आदेश को रद कर दिया, जिसमें दिल्ली पुलिस को वर्ष 2020 के दंगों में भाजपा नेता और वर्तमान में दिल्ली के कला, संस्कृति और पर्यटन मंत्री कपिल मिश्रा की भूमिका की जांच करने का निर्देश दिया गया था।
कोर्ट ने माना कि मजिस्ट्रेट ने अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर नई जांच का आदेश दिया था। विशेष न्यायाधीश ने मजिस्ट्रेट कोर्ट का निर्देश निरस्त करते हुए कहा कि इस स्तर पर पुलिस को नई जांच का आदेश देना मजिस्ट्रेट की सीमाओं से परे है। कोर्ट ने कहा कि मामला अब मूल रिकार्ड के साथ आगे बढ़ेगा। इस आदेश को कपिल मिश्रा और दिल्ली पुलिस, दोनों ने चुनौती दी थी।
मजिस्ट्रेट अदालत ने शिकायतकर्ता मोहम्मद इलियास की याचिका पर अप्रैल में पुलिस को कपिल मिश्रा की भूमिका की जांच करने और प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया था।
शिकायतकर्ता इलियास, जो यमुना विहार के निवासी हैं, ने आरोप लगाया था कि दंगों से पहले कपिल मिश्रा द्वारा दिए गए भड़काऊ बयान हिंसा भड़काने का कारण बने। इसी आदेश पर कपिल मिश्रा ने रिवीजन याचिका दायर की थी, जिस पर विशेष न्यायाधीश ने 25 अक्टूबर को सुनवाई पूरी कर 10 नवंबर के लिए आदेश सुरक्षित रख लिया था।
इलियास की शिकायत में मुस्तफाबाद के विधायक और विधानसभा उपाध्यक्ष मोहन सिंह बिष्ट व पूर्व भाजपा विधायक जगदीश प्रधान के नाम भी शामिल थे। शिकायत में आरोप लगाया गया था कि इन तीनों ने वर्ष 2020 के दंगों के दौरान सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने में भूमिका निभाई। दंगों में 53 लोगों की मौत हुई थी।

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