कंझावला हिट एंड ड्रैग केस: मृतक अंजलि के स्वजनों को तीन साल बाद मिला न्याय, 36.69 लाख रुपये का मुआवजा
कंझावला हिट एंड ड्रैग मामले में, मृतक अंजलि के परिवार को तीन साल बाद 36.69 लाख रुपये का मुआवजा मिला है। यह मुआवजा सरकार और अन्य स्रोतों से प्राप्त हुआ है। परिवार ने इस फैसले का स्वागत किया है और इसे न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया है। वे इस राशि से अंजलि की यादों को संजोएंगे।

प्रतीकात्मक तस्वीर।
जागरण संवाददाता, बाहरी दिल्ली। देशभर को झकझोर देने वाला कंझावला हिट एंड ड्रैग (टक्कर मारकर घसीटने) के मामले में जान गंवाने वालीं 19 वर्षीय अंजलि की मौत के तीन साल बाद रोहिणी के मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण (एमएसीटी) ने पीड़ित परिवार को 36.69 लाख रुपये मुआवजा राशि देने का आदेश दिया है। न्यायाधिकरण ने फैसले में कहा कि वाहन चालक की लापरवाही ही इस दुर्घटना के लिए, बल्कि उसके बाद हुई हर घटना के लिए जिम्मेदार है।
न्यायाधिकरण के फैसले के बाद अंजलि की मां ने कहा कि सरकारी नौकरी का वादा था, तीन साल बाद भी पूरा नहीं हुआ। खुद के इलाज व बच्चों की परवरिश के लिए आर्थिक तंगी है और अब निश्शुल्क डायलिसिस की सुविधा भी बंद हो गई।
रोहिणी जिला न्यायालय में न्यायाधिकरण के पीठासीन अधिकारी एवं जिला न्यायाधीश विक्रम ने बीते 27 अक्टूबर को तीन साल पुराने इस केस में फैसला सुनाया। 31 दिसंबर 2022 को देर रात स्कूटी पर घर लौट रही अंजलि को कार ने टक्कर मारी और इसके बाद वह कार के हिस्से में फंस गई। सुल्तानपुरी से कंझावला तक 10 किलोमीटर घसीटने के बाद कार सवार युवक शव को छोड़ कर भाग गए। कार सवार युवकों की अमानवीयता को लेकर लोगों में भारी गुस्सा देखा गया। कई दिन तक विरोध-प्रदर्शन भी हुए।
मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण ने मृतका की आयु, मृत्यु के समय की आय तथा आश्रितों की संख्या आदि पहलुओं को देखते हुए मुआवजा राशि तय की। न्यायाधिकरण ने अंजलि को "अकुशल" श्रेणी में कामगार माना और यह पाया कि दिल्ली में ऐसे व्यक्ति की न्यूनतम मज़दूरी 16,792 रुपये प्रति माह थी। उसकी मासिक आय से मासिक खर्च घटाने के बाद, न्यायाधिकरण ने आश्रितों की मासिक हानि का आकलन किया।
भविष्य की संभावनाओं (मृतक की कम उम्र) को ध्यान में रखकर देखते हुए 40 प्रतिशत अतिरिक्त राशि जोड़ी गई। इसमें कुछ अन्य खर्च को जोड़कर कुल 36 लाख 69 हजार 700 रुपये की मुआवजा राशि निजी बीमा कंपनी को एक महीने के अंदर आश्रितों को देने को कहा गया है।
मुआवजे की राशि अंजलि की माता व उसके भाई-बहन को दिया जाएगा। इस मामले में सात लोगों पर हत्या, आपराधिक षड्यंत्र, सुबूतों को गायब करने, अपराधियों को शरण देने, पुलिस को गुमराह करने का आरोप है। सात में से छह आरोपित जमानत पर बाहर हैं। फिलहाल यह मामला न्यायालय में विचाराधीन है।
कंझावला हिट एंड ड्रैग केस का टाइमलाइन
- 1 जनवरी 2023 को प्राथमिकी दर्ज हुई
- 3 महीने बाद दिल्ली पुलिस ने रोहिणी जिला न्यायालय में 800 पन्नों का आरोप-पत्र दाखिल किया
- 13 अप्रैल को न्यायालय ने आरोप-पत्र पर संज्ञान लिया
- 117 लोगों को गवाह बनाया गया
मां बोलीं, अंजलि के बाद दूसरी बेटी भी चली गई
किडनी की समस्या से जूझ रहीं अंजलि की मां रेखा पिछले तीन सफदरजंग अस्पताल में भर्ती थीं, आज ही घर लौटी हैं। मुआवजा राशि के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि बेटी के आगे इन पैसों की कोई कीमत नहीं है। बच्चा घर से चला गया, पैसों से बच्चे की पूर्ति कैसे हो सकती है।
रेखा ने कहा कि अंजलि की मौत के बाद कोई कमाने वाला नहीं था। पति की 10 साल पहले मौत हो चुकी है। दो बेटे हैं, एक की उम्र 16 साल है और दूसरा 12-13 साल का है। रेखा का आरोप है कि इन परिस्थितियों के दबाव के चलते इसी साल 19 जून को छोटी बेटी ने आत्महत्या कर ली। अगर वादे के मुताबिक नौकरी मिल गई होती तो शायद मेरी बेटी मौत को गले नहीं लगाती।
उन्होंने सरकार से उन्हें या उसके बेटे को सरकारी नौकरी दिए जाने की मांग की, ताकि परिवार चल सके। किडनी की समस्या के चलते वे दो साल से डायलिसिस करा रही हैं। पहले निश्शुल्क हो जाता था, अब इस साल फरवरी माह से यह सुविधा निश्शु़ल्क नहीं मिल रही है। हर बार पांच से लेकर 7-8 हजार रुपये खर्च हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि घटना के समय दिल्ली सरकार ने 10 लाख रुपये की सहयोग राशि दी थी।

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