चैतन्यानंद सरस्वती की जमानत की सुनवाई में हो गया 'खेल', पटियाला हाउस कोर्ट में जज ने किया हैरान
छात्राओं के यौन शोषण के आरोपों से घिरे चैतन्यानन्द सरस्वती की जमानत याचिका पर सुनवाई से एक न्यायाधीश ने खुद को अलग कर लिया है। न्यायाधीश ने व्यक्तिगत कारणों का हवाला दिया है। अब इस मामले को दूसरे न्यायाधीश को सौंपा जाएगा। चैतन्यानन्द सरस्वती पर लगे आरोप गंभीर हैं, जिसके कारण यह मामला संवेदनशील बना हुआ है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पटियाला हाउस स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अतुल अहलावत की अदालत ने चैतन्यानंद की छेड़छाड़ से जुड़े मामले में जमानत याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया है। इस बहुचर्चित मुकदमे की गुरुवार को सुनवाई होनी थी। मगर अदालत की कार्यवाही शुरू होने के कुछ देर बाद ही मामले की सुनवाई करने वाले जज ने खुद को इससे अलग कर लिया।
क्या है पूरा मामला?
बता दें कि चैतन्यानंद सरस्वती उर्फ पार्थसारथी दिल्ली के वसंत कुंज स्थित एक नामी शैक्षणिक संस्थान में बतौर निदेशक तैनात था। उस पर आरोप है कि उसने छात्राओं को परीक्षा में फेल करके भविष्य खराब कर देने का डर देकर यौन शोषण किया है। संस्थान की 17 से ज्यादा छात्राओं ने चैतन्यानंद पर जबरन यौन शोषण करने का आरोप लगाया है। इसी मामले में वह न्यायिक हिरासत में हैं।
17 अक्टूबर तक की न्यायिक हिरासत
दिल्ली पुलिस ने बीते 27 सितंबर को इस बहुरूपिये को आगरा से गिरफ्तार किया था। 28 सितंबर को कोर्ट में पेशी के दौरान अदालत ने उसे पुलिस को 5 दिन की रिमांड पर भेज दिया था। इसके बाद 3 अक्टूबर को कोर्ट ने उसे 14 दिन की ज्यूडिशियल कस्टडी में भेज दिया था। इस आदेश के तहत चैतन्यानंद 17 अक्टूबर तक ज्यूडिशियल कस्टडी में रहेगा।
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