JNU छात्र संघ चुनाव में चार पदों पर किस्मत आजमाएंगे 20 उम्मीदवार, एबीवीपी और वामपंथी गठबंधन ने की घोषणा
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में छात्र संघ चुनाव 2025-26 की सरगर्मी तेज हो गई है। एबीवीपी और वामपंथी दलों ने अपने-अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। इस बार एबीवीपी और लेफ्ट गठबंधन के बीच सीधा मुकाबला देखने को मिलेगा। चुनाव में विकास, शिक्षा और महिला सुरक्षा जैसे मुद्दे प्रमुख रहेंगे। कुल 20 उम्मीदवार मैदान में हैं, जो छात्र संघ की चार प्रमुख सीटों के लिए अपनी किस्मत आजमाएंगे।

जेएनयू छात्रसंघ चुनाव के लिए एबीवीपी ने अपने चार उम्मीदारों की घोषणा की। जागरण
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) छात्र संघ चुनाव 2025-26 का माहौल अब गर्म हो चुका है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) और वामपंथी संगठनों ने अपने-अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। चुनाव में एबीवीपी और लेफ्ट गठबंधन के बीच सीधा मुकाबला देखने को मिलेगा।
एबीवीपी ने अपने चारों प्रमुख पदों के उम्मीदवारों की घोषणा करते हुए स्टूडेंट सेंट्रिक और साॅल्यूशन ओरिएंटेड जेएनयू का नारा दिया है। एबीवीपी ने अध्यक्ष पद के लिए विकास पटेल, उपाध्यक्ष पद के लिए तान्या कुमारी, सचिव पद के लिए राजेश्वर कांत दुबे और संयुक्त सचिव पद के लिए अनुज को मैदान में उतारा है।
वहीं वामपंथी गठबंधन ने भी अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। लेफ्ट विंग में ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा), डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स फेडरेशन (डीएसएफ) और स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) ने हाथ मिलाया है।
गठबंधन में अध्यक्ष और संयुक्त सचिव पद आइसा को, उपाध्यक्ष पद एसएफआई को और महासचिव पद डीएसएफ को दिया गया है। वाम गठबंधन की ओर से अध्यक्ष पद पर आइसा की अदिति, उपाध्यक्ष पद पर एसएफआई की के. गोपिका, महासचिव पद पर डीएसएफ के सुनील और संयुक्त सचिव पद पर आइसा की दानिश मैदान में हैं।
अदिति स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज में पीएचडी की छात्रा हैं और उत्तर प्रदेश के वाराणसी से हैं, जबकि दानिश मध्य प्रदेश से ताल्लुक रखते हैं और स्कूल ऑफ सोशल साइंसेज में पीएचडी कर रहे हैं।
जेएनयू छात्र राजनीति में इस बार वैचारिक टकराव के साथ-साथ विकास, शिक्षा और महिला सुरक्षा जैसे मुद्दे प्रमुख रहेंगे। सभी दलों ने अपने प्रचार अभियान की रणनीति तय कर ली है और परिसर में चुनावी सरगर्मी तेज हो चुकी है।
एबीवीपी ने कहा है कि वह इस चुनाव में छात्रों के हितों, महिला सुरक्षा, सस्ती एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और उत्तरदायी छात्रसंघ जैसे मुद्दों पर चुनाव लड़ेगी। एबीवीपी ने कहा कि पिछले कई दशकों से वामपंथी राजनीति ने जेएनयू की शैक्षणिक पहचान को कमजोर किया है। अब समय आ गया है कि विश्वविद्यालय को उत्कृष्टता और रचनात्मक बदलाव के रास्ते पर आगे बढ़ाया जाए।
एबीवीपी ने छात्रों से अपील की है कि वे विकास और प्रगति के लिए वोट करें और सभी चारों सीटों पर एबीवीपी पैनल को समर्थन देकर एक सशक्त एवं उज्जवल जेएनयू के निर्माण में योगदान दें। संगठन ने 42 काउंसलर पदों और इंटरनेशनल सेंटर (आइसी) के तीन पदों पर भी अपने उम्मीदवार घोषित किए हैं। इस बार एबीवीपी ने उम्मीदवारों के चयन में महिला प्रतिनिधित्व को विशेष प्राथमिकता दी है।
जेएनयू छात्रसंघ चुनाव के मैदान में 20 उम्मीदवार
इस बार जेएनयू छात्र संघ की चार मुख्य सीटों अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महासचिव और संयुक्त सचिव के पदों के लिए भी कुल 20 उम्मीदवार मैदान में हैं। इनमें 7 उम्मीदवार अध्यक्ष पद, 3 उपाध्यक्ष, 5 सचिव और 5 संयुक्त सचिव के लिए किस्मत आजमा रहे हैं।

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