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    JNU छात्रसंघ चुनाव में उतरेगा वामपंथी संगठनों का गठबंधन, एबीवीपी ने इसे राजनीतिक सुविधा करार दिया

    Updated: Sun, 26 Oct 2025 09:08 PM (IST)

    जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में छात्रसंघ चुनाव से पहले वामपंथी छात्र संगठन एकजुट हो रहे हैं। आइसा, एसएफआई और डीएसएफ ने साझा मोर्चा बनाया है, जिसका लक्ष्य कैंपस में वामपंथ का प्रभुत्व वापस लाना है। एबीवीपी ने इसे राजनीतिक सुविधा का गठबंधन बताया है। जेएनयू छात्रसंघ चुनाव चार नवंबर को होंगे, जिसमें 9,000 से अधिक छात्र मतदान करेंगे।

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    चार नवंबर को जेएनयू छात्रसंघ चुनाव।

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में होने वाले छात्रसंघ चुनावों से पहले वामपंथी छात्र संगठन इस बार फिर एकजुट होकर मैदान में उतरने की तैयारी कर रहे हैं।

    पिछले वर्ष ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (एआईएसए) और स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) के बीच मतभेद के कारण वामदलों में बंटवारा हुआ था, जिसका फायदा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) को मिला और उसने लगभग 10 वर्षों बाद संयुक्त सचिव पद पर जीत दर्ज की थी।

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    इस बार वामपंथी छात्र संगठ ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन, स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया और डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स फेडरेशन ने एक साझा मोर्चा बनाने का निर्णय लिया है। गठबंधन का उद्देश्य कैंपस में वामपंथ का पारंपरिक प्रभुत्व फिर से हासिल करना है। सूत्रों के अनुसार, सीट बंटवारे और प्रमुख पदों पर उम्मीदवार तय करने को लेकर बातचीत अंतिम चरण में है।

    एबीवीपी की दिल्ली इकाई के संयुक्त सचिव विकास पटेल ने वाम संगठनों के इस कदम को राजनीतिक सुविधा का गठबंधन बताते हुए कहा कि एबीवीपी लगातार छात्र मुद्दों पर काम करती रही है, और हमें दोबारा जीत का पूरा विश्वास है।

    वहीं, वामपंथी संगठनों का कहना है कि वे इस बार किसी भी तरह का मतभेद नहीं होने देंगे ताकि एबीवीपी को विभाजन का लाभ न मिल सके। जेएनयू में छात्रसंघ चुनाव चार नवंबर को होने हैं और परिणाम छह नवंबर को घोषित किए जाएंगे। इस बार 9,000 से अधिक छात्र मतदान के पात्र हैं।

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