'असहमति के जवाब में हिंसा लोकतंत्र के विरुद्ध...', यूपी-बिहार को लेकर टिप्पणी से JNU में गर्माई राजनीति
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में वामदल के एक काउंसलर की उत्तर प्रदेश और बिहार को लेकर की गई टिप्पणी के बाद राजनीति गरमा गई है। एबीवीपी ने इस टिप्पणी का विरोध किया है। स्कूल आफ सोशल साइंसेज की जनरल बॉडी मीटिंग (जीबीएम) में हुई इस घटना के बाद छात्रों के बीच झड़पें हुईं, जिसमें कई छात्र घायल हो गए। पुलिस को मामले में हस्तक्षेप करना पड़ा।

एबीवीपी ने किया वामदल से जुड़े छात्रों की टिप्पणी का विरोध।
जागरण संवाददाता, दक्षिणी दिल्ली। बिहार चुनाव के बीच दिल्ली में जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में उत्तर-प्रदेश और बिहार को लेकर वामदल के काउंसलर की टिप्पणी से राजनीति गर्मा गई है।
बुधवार को हुई स्कूल ऑफ सोशल साइंसेज की जनरल बाॅडी मीटिंग (जीबीएम) में वामपंथी छात्रदल के काउंसलर ने एबीवीपी के छात्रों के विरोध प्रदर्शन पर यह कह दिया कि यूपी-बिहार वालों को यहां से बाहर निकाला जाए। इसकी वजह से दोनों दलों के छात्रों में भिड़त हो गई।
एक दो बार नहीं कई बार हुई भिड़त में अब तक छह छात्र घायल हो गए हैं। इसमें दो छात्र दक्षिणपंथी एबीवीपी जबकि चार छात्र वाम संगठनों के हैं। मामला इतना गर्मा गया है कि झगड़े को शांत कराने के लिए पुलिस को भी हस्तक्षेप करना पड़ा।
एक स्कूल आफ सोशल साइंसेज ही नहीं स्कूल ऑफ लैग्वेज की जीबीएम में भी दोनों गुटों के छात्रों में झगड़ा होता रहा। बृहस्पतिवार को सुबह छह बजे तक चली बैठक में हंगामा हुआ। वामपंथी छात्र की टिप्पणी को एबीवीपी ने आपत्तिजनक और निंदनीय घटना बताया है।
साथ ही एबीवीपी से जुड़े छात्रों ने शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करते हुए लोकतांत्रित तरीके से रखने का दावा किया और वामपंथी छात्रों पर यूपी-बिहार वालों का अपमान करने का आरोप लगाया है।
एबीवीपी के छात्रों ने टिप्पणी के खिलाफ जेएनयू में प्रदर्शन करते हुए कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि यूपी बिहार वालों को लेकर अभद्र टिप्पणी की जा रही है। वहीं, जेएनयू छात्रसंघ के संयुक्त सचिव वैभव मीणा ने कहा कि यह घटना जेएनयू की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाली है।
विचारों में मतभेद होना स्वाभाविक है, लेकिन असहमति के जवाब में हिंसा फैलाना लोकतंत्र के विरुद्ध है। हर राज्य से आने वाले छात्र समान गरिमा रखते हैं। किसी को यह अधिकार नहीं कि वह क्षेत्र, विचारधारा या संगठन के आधार पर किसी का अपमान करे।
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