जामिया नगर का नसीम बाग भू-माफियाओं के निशाने पर, हरे पेड़ों की कटाई और अवैध कब्जा जारी; CM से की शिकायत
दिल्ली के जामिया नगर में स्थित नसीम बाग भू-माफियाओं के निशाने पर है। हरे पेड़ों की कटाई और अवैध कब्जे की शिकायतें बढ़ रही हैं। स्थानीय निवासियों ने मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप करने की मांग की है ताकि नसीम बाग को बचाया जा सके और हरियाली बरकरार रहे।

जामिया नगर तिकोना पार्क के पास स्थित नसीम बाग। सौ. सुधी पाठक
जागरण संवाददाता, दक्षिणी दिल्ली। बढ़ते प्रदूषण के बीच जब हरियाली बचाने की मुहिम जोरों पर है। ऐसे समय में जामिया नगर में करीब दस बीघे में फैले नसीम बाग के पेड़ों की भू-माफिया काटने में लगे हैं।
जामिया मिल्लिया इस्लामिया के पूर्व कुलपति मोहम्मद मुजीब की मिल्कियत वाले इस नसीम बाग में न केवल पेड़ों को काटा जा रहा है, बल्कि मिलीभगत से अवैध कब्जे कर बहुमंजिला इमारतें भी बनाई जा रही हैं। जामिया के ही सामाजिक कार्यकर्ता शहजाद अली ने इसकी शिकायत राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के साथ ही एमसीडी, उप राज्यपाल व मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता से की है।
शहजाद दावा करते हैं कि यह जमीन आजादी केे पहले से मोहम्मद मुजीब के नाम पर है। वे जामिया मिल्लिया इस्लामिया में कुलपति रहे हैं। कागजात के मुताबिक उनकी इस संपत्ति को बेचा ही नहीं जा सकता। इसके बाद भी नसीम बाग में धड़ल्ले से हरे पेड़ काटे जा रहे हैं।
अवैध कब्जे कर कई इमारतें भी खड़ी कर दी गईं। सूत्रों की मानें तो स्थानीय भू-माफिया ने पहले तो विभागीय मिलीभगत से 360 गज का जाली पेपर तैयार कराया। इस पेपर की बुनियाद पर उसने कोर्ट में याचिका दाखिल की। फिर शातिर तरीके से पूरी प्राॅपर्टी का विल अपने नाम करा लिया।
आस-पास के लोगों के आपत्ति कराने पर आरोपित यही विल दिखाकर सबको खामोश कर दे रहा है। शहजाद के मुताबिक जिस जमीन को उसका मालिक भी चाहकर भी बेच नहीं सकता, उसके विल उनके परिवार के स्थान पर भला किसी और के नाम कैसे हो गया।

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