Indigo Crisis पर दिल्ली HC में PIL दायर, डीजीसीए पर जांच बैठाने और यात्रियों को चार गुना मुआवजे देने की मांग
इंडिगो संकट को लेकर दिल्ली उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की गई है। याचिका में डीजीसीए से जांच कराने और यात्रियों को चार गुना मुआवजा ...और पढ़ें

प्रतीकात्मक तस्वीर।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। इंडिगो गड़बड़ी के लिए डायरेक्टोरेट जनरल आफ सिविल एविएशन (डीजीसीए) के खिलाफ जांच और फ्लाइट रद होने के कारण एयरपोर्ट पर फंसे यात्रियों को चार गुना मुआवजा देने की मांग करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। सेंटर फाॅर अकाउंटेबिलिटी एंड सिस्टमिक चेंज द्वारा दायर याचिका पर बुधवार को मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय व न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ सुनवाई करेगी।
याचिका में कहा गया कि इंडिगो द्वारा संशोधित फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (एफडीटीएल) नियमों का पालन न करने के कारण देशभर में एविएशन संकट पैदा हुआ और पांच हजार से ज्यादा उड़ानें रद हुईं। एयरलाइन की इस गड़बड़ी के कारण यात्री प्रमुख एयरपोर्ट पर फंसे रहे और उन्हें खराब खासी परेशानी का सामना करना पड़ा। मामले में एयरलाइन द्वारा रिफंड में देरी और सरकार तय सीमा के बावजूद हवाई किराए में भारी बढ़ोतरी की शिकायतें मिलीं।
याचिका में केंद्र सरकार को कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट, 2019 की धारा 2(5)(तीन) और 35(1)(डी) के तहत इंडिगो के खिलाफ क्लास एक्शन शुरू करने का निर्देश देने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया कि डीजीसीए अपने कर्तव्य को निभाने में विफल रहा और इसलिए एक सेवानिवृत्त जज या लोकपाल को लापरवाही और संकट को बढ़ाने में उसकी भूमिका की जांच करनी चाहिए।

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