माओवाद के समर्थन में नारे लगाने वाले छात्रों को 3 दिन की कस्टडी में भेजा, जमानत याचिका पर पुलिस को नोटिस
इंडिया गेट पर हुए प्रदर्शन के मामले में, पटियाला हाउस कोर्ट ने छह आरोपियों को तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है। अदालत ने पुलिस को जमानत याचिका पर जवाब देने का नोटिस जारी किया है। पुलिस ने आरोपियों पर सड़क बाधित करने और माओवादी नेता के समर्थन में नारे लगाने का आरोप लगाया है, जबकि बचाव पक्ष ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन का दावा किया है।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। पटियाला हाउस स्थित न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने इंडिया गेट के पास प्रदूषण शुरू होकर माओवादियों के समर्थन तक पहुंचे प्रदर्शन से जुड़े मामले में गिरफ्तार छह आरोपियों को तीन दिन की पुलिस कस्टडी में भेज दिया।
न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी अरिदमन सिंह चीमा ने सुनवाई के दौरान आरोपियों के चोटों के निशानों का भौतिक निरीक्षण भी किया। अदालत ने कहा कि आरोपियों की जमानत याचिकाओं पर सुनवाई शनिवार को पुलिस कस्टडी पूरी होने के बाद की जाएगी। कोर्ट ने जमानत याचिका पर दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
मामले में पुलिस ने सात दिन की कस्टडी की मांग का अनुरोध करते हुए दलील दी थी कि नौ नवंबर को आरोपियों ने इंडिया गेट कर्तव्य पथ क्षेत्र में सड़क बाधित की और भीड़ को उकसाया। उनके मोबाइल फोन एफएसएल भेजे जाने हैं। पुलिस ने यह भी दावा किया कि आरोपी अक्षय, आकाश और एक अन्य के पास से तीन पेपर स्प्रे कैन बरामद हुए हैं।
पुलिस की ओर से पेश वकील ने दावा किया कि आरोपी माओवादी नेता मदवी हिड़मा के समर्थन में नारे लगा रहे थे। लाल सलाम के नारे भी लगाए गए। प्रदर्शन के दौरान कम से कम दस पुलिसकर्मी घायल हुए। पुलिस का आरोप है कि प्रदर्शन के दौरान आरोपियों ने लोक सेवक के आदेश का उल्लंघन किया और अधिकारियों को बल प्रयोग से रोका।
आरोपियों की ओर से पेश वकील ने दलील दी थी कि सभी शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे और किसी भी राष्ट्रविरोधी या नक्सली गतिविधि से उनका कोई संबंध नहीं है। वकील ने अपने मुवक्किलों को लगीं चोटों की तस्वीरें और बयान प्रस्तुत कर आरोप लगाया कि पुलिस ने हिरासत में मारपीट की।
सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष ने मांग की कि थाने और प्रदर्शन स्थल का सीसीटीवी फुटेज सुरक्षित रखा जाए, क्योंकि यह कस्टोडियल टार्चर के दावे को साबित कर सकता है। एक आरोपी अहान अरुण उपाध्याय की ओर से पेश वकील ने दलील दी कि उसका अगले दिन भौतिकी का पेपर है और ये हिरासत उसके करियर पर गंभीर प्रभाव डाल सकती है।
एक अन्य आरोपी, जो वकील है, ने भी पुलिस द्वारा पिटाई किए जाने का आरोप लगाया। बचाव पक्ष ने तर्क दिया कि सभी आरोपित छात्र हैं, पूरा सहयोग कर रहे हैं। वकील ने तर्क दिया कि छात्र दो दिन की हिरासत झेल चुके हैं, अब किस साजिश का पता लगाना बाकी है।
चार आंदोलनकारियों को दो दिन की पुलिस कस्टडी में भेजा
कोर्ट ने बृहस्पतिवार को चार और छात्रों को दो दिन की पुलिस कस्टडी में भेज दिया। इन छात्रों को प्रदूषण को लेकर इंडिया गेट पर हुए प्रदर्शन के दौरान पुलिसवालों पर हमला करने और सरकार के खिलाफ जुर्म करने की साजिश के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
न्यायिक मजिस्ट्रेट साहिल मोंगा ने प्रोटेस्ट से जुड़े एक मामले में 13 अन्य लोगों को भी एक दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। न्यायिक मजिस्ट्रेट मोंगा संसद मार्ग पुलिस थाने में 11 महिलाओं समेत 17 आरोपियों के खिलाफ बीएनएस के तहत अलग-अलग मामलों के लिए दर्ज मामले की सुनवाई कर रहे थे।

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